लोकसभा में पेश हुआ ‘Right to Disconnect Bill 2025’, काम के बाद कॉल-मेल का जवाब न देने का मिलेगा कानूनी अधिकार

नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) की सांसद सुप्रिया सुले ने शुक्रवार को लोकसभा में Right to Disconnect Bill 2025 पेश किया। इस बिल के तहत कर्मचारियों को निर्धारित कार्य समय के बाद ऑफिस कॉल, ईमेल या अन्य वर्क कम्युनिकेशन का जवाब देने से कानूनी छूट मिलेगी। छुट्टी और अवकाश के दिनों में भी यह नियम लागू होगा।
बिल में प्रमुख प्रावधान
- कार्य समय समाप्त होने के बाद कर्मचारी का निजी समय पूरी तरह सुरक्षित रहेगा
- कंपनियों को स्पष्ट नीति बनानी होगी कि ऑफिस टाइम के बाद कोई भी वर्क कम्युनिकेशन बाध्यकारी नहीं होगा
- Employee Welfare Authority गठित करने का प्रस्ताव, जो कानून के पालन की निगरानी करेगी
कोविड के बाद वर्क फ्रॉम होम और हाइब्रिड कल्चर के कारण कर्मचारियों पर कार्य समय से बाहर भी काम का दबाव बढ़ गया है। इस बिल का उद्देश्य वर्क-लाइफ बैलेंस बहाल करना और मानसिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है।
विश्व में पहले से लागू
- फ्रांस (2017): 50 से अधिक कर्मचारियों वाली कंपनियों में अनिवार्य
- स्पेन (2021), बेल्जियम और पुर्तगाल में भी इसी तरह के सख्त कानून लागू
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में बढ़ते वर्क प्रेशर को देखते हुए यह बिल समय की जरूरत है। यदि यह कानून बना तो करोड़ों कर्मचारियों को निजी जीवन और मानसिक शांति की कानूनी गारंटी मिलेगी।
फिलहाल बिल पर सरकार की आधिकारिक प्रतिक्रिया आनी बाकी है।


