नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा-सुकमा में राखी का नया संदेश: आत्मसमर्पित नक्सली महिलाएं और दंतेश्वरी फाइटर्स बांधेंगी गृहमंत्री विजय शर्मा को राखी…

रायपुर/दंतेवाड़ा/सुकमा। रक्षाबंधन का पर्व इस बार छत्तीसगढ़ के लिए सिर्फ एक पारंपरिक त्योहार नहीं, बल्कि शांति, पुनर्वास और सामाजिक एकता का प्रतीक बनने जा रहा है। 9 अगस्त को, प्रदेश के गृहमंत्री और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा राज्य के नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों के दौरे पर रहेंगे, जहां एक अनोखे आयोजन में उन्हें आत्मसमर्पित नक्सली महिलाएं और ‘दंतेश्वरी फाइटर्स’ की महिला कमांडो राखी बांधेंगी।
नक्सलवाद से मुख्यधारा की ओर – राखी के जरिए पुनर्वास का प्रतीक...
दंतेवाड़ा जिले में आयोजित विशेष कार्यक्रम में गृहमंत्री विजय शर्मा उन महिलाओं से मिलेंगे, जिन्होंने कभी नक्सल आंदोलन का हिस्सा रहकर हथियार उठाए थे, लेकिन अब सरकार की पुनर्वास नीति के तहत समाज की मुख्यधारा से जुड़ चुकी हैं।
इन महिलाओं के साथ-साथ ‘दंतेश्वरी फाइटर्स’ की महिला कमांडो, जो स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में सक्रिय हैं, उपमुख्यमंत्री को राखी बांधेंगी। यह आयोजन नारी सशक्तिकरण और पुनर्वास की भावना को भी दर्शाता है।
सुकमा पुनर्वास केंद्र का दौरा भी तय...
इसके बाद गृहमंत्री सुकमा जिले के पुनर्वास केंद्र का दौरा करेंगे, जहां पुनः आत्मसमर्पित महिलाओं द्वारा उन्हें राखी बांधी जाएगी। यह कार्यक्रम राज्य सरकार की संवेदनशील और मानवीय पुनर्वास नीति की जीवंत झलक है।
सरकार द्वारा आत्मसमर्पण करने वाले पूर्व नक्सलियों को सिर्फ सुरक्षा ही नहीं, बल्कि शिक्षा, रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और सामाजिक पुनर्स्थापना के पूरे अवसर दिए जा रहे हैं। रक्षाबंधन पर यह आयोजन इसी विश्वास और सहयोग की भावना का विस्तार है।
"राखी सिर्फ परंपरा नहीं, विश्वास का प्रतीक" – विजय शर्मा...
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि, “हमारी सरकार की सोच स्पष्ट है – जो लोग हिंसा छोड़कर समाज में लौटना चाहते हैं, उन्हें पूरा समर्थन दिया जाएगा। रक्षाबंधन जैसे पर्वों के माध्यम से यह संदेश देना ज़रूरी है कि शासन उन्हें अपनाने को तैयार है।”
उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चल रहे विकास कार्यों का ज़िक्र करते हुए कहा कि सरकार चाहती है कि लोग शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़ें और हिंसा की जगह विकास का रास्ता चुनें।
रक्षाबंधन के बहाने शांति का उत्सव...
छत्तीसगढ़ में इस बार राखी केवल भाई-बहन के रिश्ते की डोर नहीं होगी, बल्कि विश्वास, बदलाव और पुनर्वास का सेतु भी बनेगी। आत्मसमर्पण कर चुकी महिलाएं जब अपने ‘रक्षक’ को राखी बांधेंगी, तो यह न सिर्फ उनका सम्मान होगा, बल्कि राज्य में लौटती शांति और उम्मीद का उत्सव भी होगा।