Raipur Shilpgram Festival 2025: छत्तीसगढ़ की कला और परंपरा की झलक से महका राज्योत्सव परिसर

रायपुर। नवा रायपुर के राज्योत्सव परिसर में आयोजित Raipur Shilpgram Festival 2025 इस बार लोगों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में मनाए जा रहे इस भव्य उत्सव में शिल्पग्राम ने परंपरा, रचनात्मकता और लोकसंस्कृति का ऐसा संगम दिखाया है जो हर आगंतुक के मन में गहरी छाप छोड़ रहा है।
शिल्पग्राम: छत्तीसगढ़ की जीवंत कला और संस्कृति का प्रतीक
राज्योत्सव में स्थापित शिल्पग्राम छत्तीसगढ़ की समृद्ध art, culture and handicraft का जीवंत प्रदर्शन बन चुका है। यहां राज्यभर के बुनकर और शिल्पकार अपने उत्कृष्ट उत्पादों के साथ मौजूद हैं — जिनमें कोसा और रेशमी साड़ियाँ, बेलमेटल शिल्प, लकड़ी की नक्काशी, माटीकला, टेराकोटा और खादी के परिधान शामिल हैं। रंग-बिरंगी झोपड़ियों और पारंपरिक सजावट ने वातावरण को एक उत्सवमय रूप दे दिया है, जहां लोकधुनों की गूंज और मिट्टी की खुशबू आगंतुकों को मंत्रमुग्ध कर रही है।
लोगों की भीड़ और खरीदारी का उत्साह
हर दिन बड़ी संख्या में लोग Chhattisgarh Handloom and Handicraft की झलक पाने शिल्पग्राम पहुंच रहे हैं। आगंतुक यहां से अपने पसंदीदा हस्तनिर्मित उत्पादों की खरीदारी कर रहे हैं। सबसे खास बात यह है कि बिचौलियों की अनुपस्थिति में ग्राहक उचित मूल्य पर वस्तुएं खरीद पा रहे हैं, वहीं शिल्पकारों को उनकी मेहनत का सीधा लाभ मिल रहा है। कई दुकानों में पारंपरिक वस्तुएं बाजार से कम दरों पर उपलब्ध हैं, जिससे बिक्री में भी तेजी आई है।
रचनात्मकता का अनोखा संगम
शिल्पग्राम के बीचोंबीच बनाए गए Traditional Art Installation (focus keyphrase) आगंतुकों को विशेष रूप से आकर्षित कर रहे हैं। रेशम कीट और तितली कोकून से तैयार की गई कलाकृतियाँ इस वर्ष की सबसे चर्चित प्रदर्शनी बन चुकी हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ी आभूषणों और पर्वों के प्रतीकों पर आधारित सेल्फी पॉइंट्स युवाओं के बीच ट्रेंड बना हुआ है।
स्थानीय शिल्पियों को नई पहचान
यह आयोजन न केवल संस्कृति का उत्सव है बल्कि प्रदेश के शिल्पकारों के लिए एक सशक्त मंच भी है। इस मंच ने स्थानीय कारीगरों और बुनकरों को नया बाजार और पहचान दी है। उनकी कला अब सीमित दायरे से निकलकर राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर तक पहुंच रही है। इस पहल ने Raipur Shilpgram Festival 2025 को एक सांस्कृतिक क्रांति में बदल दिया है, जहां परंपरा आधुनिकता से मिलकर नई कहानी गढ़ रही है।



