छत्तीसगढ़ में कोटा से हुई रेल रोको आंदोलन की शुरुआत

बिलासपुर। यात्री ट्रेनों को रद करने के आरोप बुधवार को प्रदेश में रेल रोको आंदोलन की शुरुआत कोटा विधानसभा क्षेत्र के करगीरोड कोटा रेलवे स्टेशन से हुई। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी की अगुवाई में कोटा रेलवे स्टेशन में सुबह पांच बजे रेल रोक दिया। पूरे दो घंटे अप और डाउन में रेल यातायात बाधित रही। करगीरोड कोटा रेलवे स्टेशन और आसपास चप्पे-चप्पे पर आरपीएफ,जीआरपी और पुलिस की तगड़ी घेराबंदी थी। पुलिस की सुरक्षा और घेरेबंदी को रणनीति के तहत चकमा देते हुए कांग्रेसजनों ने पीसीसी से किया वादा पूरा कर दिखाया। रेल रोको आंदोलन की खास बात ये रही कि जिला कांग्रेस कमेटी ने यात्राी गाड़ियों को नहीं रोका। मालगाड़ियों के चक्के जाम कर किए। जिला कांग्रेसी कमेटी के बैनर तले पूरे जिले में कांग्रेसजनों ने रोक रोक दिया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान और निर्णय का कोटा विधानसभा क्षेत्र के करगीरोड कोटा रेलवे स्टेशन में सबसे बड़ा और व्यापक प्रभाव देखने को मिला। कांग्रेसजनों ने पीसीसी के निर्देश को पूरा करने पूरी रात रतजगा किया और पुख्ता रणनीति बनाई। जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय केशरवानी की अगुवाई में दो घंटे से भी अधिक समय तक कोटा विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तीन ब्लाक,काेटा,रतनपुर और बेलगहना ब्लाक कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की गोपनीय बैठक हुई। बैठक में रेल रोकने रणनीति। यह भी तय हुआ कि आरपीएफ,जीआरपी और पुलिस की कड़ी चौकसी और कड़ाई के बाद भी हमें पीसीसी के निर्देशों और भरोसे पर खरा उतरना है। इसके लिए जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। पदाधिकारियों के साथ ही कार्यकर्ताओं और स्थानीय ग्रामीणों की सहभागिता भी तय करनी थी। पदाधिकारियों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी गई थी। खास बात ये कि पहुंचने का समय सभी के लिए एक तय किया गया था। जगह अलग-अलग थी। तय रणनीति और जिम्मेदारी का प्रभावी असर दिखाई दिया। यही कारण है कि सुबह पांच बजे करगीरोड कोटा रेलवे स्टेशन के करीब कांग्रेसजनों और ग्रामीणों की भारी भीड़ जुूटी और अप व डाउन लाइन पर मालगाड़ी को रोक दिया। मालगाड़ी के पहिए थमते ही कानफोड़ू हार्न बजते ही रेलवे स्टेशन मे तैनात अफसरों और सुरक्षा बलों में हड़कंप मच गया। जब तक जानकारी मिलती और मौके पर पहुंचते तब तक अप और डाउन लाइन में मालगाड़ियों के पहिए थमय गए थे। इसकी खबर आग की तरह पूरे प्रदेश में फैल गई।
कोटा की खबर से जगी उत्साह
जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी की अगुवाई में कोटा में रेल रोकने की खबर जैसे ही प्रदेश में फैली इससे कांग्रेसजनों में जोश के साथ ही उत्साह भी जगी। यही कारण है कि कोटा के बाद बेलगहना,जयरामनगर,बिल्हा और बिलासपुर में रेल रोकने की खबरें आने लगी। ब्लाक अध्यक्षों की अगुवाई में रेल रोकने के बाद जिला अध्यक्ष को मोबाइल के जरिए जानकारी भी देते रहे। कोटा से जिलाध्यक्ष केशरवानी अपने ब्लाक अध्यक्षों व पदाधिकारियों कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाते रहे।
इस तरही बनी रणनीति
सुबह चार बजे रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित कोटा बस्ती में जिलाध्यक्ष केशरवानी की अगुवाई में पदाधिकारी,कार्यकर्ता व ग्रामीण इकट्ठा हुए। गलियों से होते हुए स्टेशन से कुछ दूरी से सीधे रेल लाइन पहुंचे। यहां से पैदल चलते स्टेशन पहुंचे। ब्रिज पारकर प्लेट नंबर दो पर पहुंचे। दुर्ग अंबिकापुर ट्रेन आ रही थी। यात्रियों को परेशानी ना हो इसके चलते इसे रोकने का निर्णय नहीं लिया और मालगाड़ी के आने का इंतजार करते रहे। यह इंतजार लंबा नहीं हुआ। कुछ ही मिनटों में कटनी लाइन पर मालगाड़ी आते दिखी। इसे देखते ही ग्रामीणजनों व पदाधिकारी,कार्यकर्ताओं के साथ जिलाध्यक्ष पटरी पर आए और ट्रेन रोक दी। ट्रेन के पहिए थमते ही हड़कंप मच गया।
प्रदर्शन के बीच पहुंची दूसरी ट्रेन,जाम हुआ चक्का
प्रदर्शन के दौरान ही पेंड्रा की ओर से एक और मालगाड़ी तेज हार्न बाजते पहुंची। पहली मालगाड़ी के सामने आधे कार्यकर्ता व ग्रामीणों को छोड़कर बाकी भीड़ के साथ जिलाध्यक्ष दूसरी लाइन के पटरी पर झंडा लहराते खड़े हो गए और मालगाड़ी का पहिया जाम कर दिया। मालगाड़ी के इंजन पर खड़े होकर जिलाध्यक्ष केशरवानी ने ग्रामीणों व पदाधिकारियों को संबोधित किया और कांग्रेस झंडा लगा दिया।
गरीब जनता का जीना हुआ मुश्किल-विजय केशरवानी
रेल रोकने के बाद उपस्थित ग्रामीणों व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी ने कहा कि पूरे भारत में सिर्फ छत्तीसगढ़ को ही केंद्र सरकार रेल के माध्यम से परेशान कर रही है । छोटे-छोटे ऐतिहासिक स्टेशनों का बंद कर दिया है । गरीब जनता का जीना मुश्किल हो गया है। छत्तीसगढ़ से निकलने वाले कोयले का परिवहन कर दूसरे प्रदेश को भेजने के लिए भी छात्तीसगढ़ की यात्री सुविधाओं को बाधित किया गया। रेल्वे द्वारा जिस प्रकार से यात्री ट्रेनों के संचालन मे लगातार कोताही बरती जा रही इससे स्पष्ट हो रहा की रेल्वे यात्री सुविधाओं की अपेक्षा मालवाहक गाड़ियों को ज्यादा प्राथमिकता दे रही, यह जानबूझ कर किया जाने वाला षड़यंत्र है ताकि जनमानस मे रेल अलोकप्रिय हो और मोदी सरकार रेलवे को निजी हाथों विशेषकर अदाणी समूह को सौंप सके। रेल देश के नागरिकों की सबसे सुलभ और लोकप्रिय सुविधा है। आजादी के पहले और बाद में भी सभी सरकारों नें घाटा उठा कर भी जनहित में रेल्वे का संचालन अनवरत जारी रखा। रेल्वे को बेचने का कोई भी प्रयास देश की जनता के साथ धोखा है कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करेगी। रेल्वे को बेचने का कोई भी प्रयास देश की जनता के साथ धोखा है। कांग्रेस पार्टी इसका विरोध करेगी। कांग्रेस पार्टी मांग करती है की केंद्र सरकार यात्री ट्रेनों को नियमित चालन की व्यवस्था सुनिश्चित करे साथ ही यात्री सुविधा दिव्यांग, बुजुर्ग रिटायर्ड, सैनिकों छात्रों, बच्चों को पूर्व मे मिलने वाली रियायतें बहाल की जाय तथा रेल्वे के निजीकरण के षड्यंत्र पर तत्काल विराम लगे।
इंटरनेट मीडिया में प्रसारित होते रहा वीडियाे और फोटो
0 सुबह पांच बजे कोटा में रेल रोकने की खबरें और मौके का वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित होना शुरू हुआ प्रदेश में स्वस्फूर्त माहाैल बन गया।
0 कोटा विधानसभा क्षेत्र के पदाधिकारी,कार्यकर्ता और ग्रामीणों का उत्साह ऐसा कि ट्रेन रोकने के लिए कार्यकर्ता व ग्रामीण जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी की अगुवाई में पटरी पर लेट गए थे।
0 सुबह पांच बजे जब लोग अपने घरों पर सो रहे थे उस वक्त कोटा में रेल के पहिए कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने रोक दिया था।