रेल रोको आंदोलन, पटरी पर पहुंचने से पहले आंदोलनकारियों को रोका

बिलासपुर। नागरिक सुरक्षा मंच ने मंगलवार रेल रोको आंदोलन किया था। इसके लिए बड़ी संख्या में आंदोलनकारी उसलापुर रेलवे स्टेशन पहले ब्रिज पर पहुंचे। लेकिन, आंदोलन के मद्देनजर इतनी तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था थी कि आंदोलनकारी चाहकर भी सुरक्षा घेरा को लांघ नहीं पाए और पुलिस व आरपीएफ की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान बड़ी संख्या में जीआरपी व जिला प्रशासन के अधिकारी मौजूद थे।
यह आंदोलन ट्रेनों रद व लेटलीलतीफी को लेकर था। दरअसल पिछले कई महीनों से ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह प्रभावित है। आए दिन रेल प्रशासन ट्रेनों को या तो रद कर देता है या फिर जिन ट्रेनों का परिचालन हो रहा है, वह इतनी विलंब से चलती है कि यात्री परेशान हो जाते हैं। उनकी यह परेशानी रेल प्रशासन को नजर नहीं आती और परिचालन व्यवस्था सुधारने के बजाय और बिगड़ते जा रही है।

पुलिस व आंदोलनकारी के बीच झुमाझटकी भी हुई।
आम नागरिकों को होने वाली इसी परेशानी को देखते हुए नागरिक सुरक्षा मंच ने मंगलवार को रेल रोककर विरोध जताने के निर्णय लिया था। इस आंदोलन की बकायदा रेल व पुलिस प्रशासन को सूचना भी दी गई थी। जिसके बाद प्रशासन सकते में आ गया। कहीं परिचालन प्रभावित न हो जाए इसलिए पुलिस प्रशासन से भी मदद मांगी गई जिसके बाद आज सुबह से ओवरब्रिज के नीचे का हिस्सा छावनी में तब्दील हो गया।
पुलिस, आरपीएफ व जीआरपी के अधिकारी व जवान बड़ी संख्या में तैनात हो गए। दोपहर डेढ़ बजे के करीब आंदोलनकारी भीड़ में पहुंचे। जिन्हें देखकर सुरक्षा अमला अलर्ट हो गया और घेरा बनाकर आंदोलनकारी को रोकने के लिए तैनात हो गए। यह आंदोलनकारियों को रोकने में सफल भी रहे। हालांकि आंदोलनकारी सुरक्षा घेरा को भेदने के लिए भारी जद्दोजहद करते नजर आए।
ट्रैक पर आरपीएफ की तैनातगी
आंदोलन को देखते हुए ट्रैक के किनारे- किनारे भी आरपीएफ के बल सदस्यों को तैनात कर दिया गया था। ताकि आंदोलनकारी इधर- उधर से ट्रैक पर घुसने का प्रयास करें तो उन्हें रोक लिया जाए। बाद में आंदोलनकारियों ने एसीएम राकेश सिंह को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग रखी और लौट गए।