
वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देशानुसार, रायगढ़ वनमंडल के अंतर्गत ग्राम केराखोल में हुई एक हाथी की मृत्यु का मामला तत्परता से सुलझा लिया गया है। सूचना मिलने के तुरंत बाद वनमंडलाधिकारी रायगढ़ के नेतृत्व में वन अमला घटनास्थल पर पहुँचा और प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि हाथी की मृत्यु बिजली के तार की चपेट में आने से हुई।
जांच के दौरान मौके पर तार, सूखे पत्ते, मिट्टी के निशान और संदिग्ध वस्तुएं बरामद की गईं। साथ ही मृत हाथी के पेट में घाव के निशान पाए गए, जिनमें लगे स्नेयर को भी जब्त किया गया।
आरोपियों ने बिजली के तार से जंगली जानवरों को मारने का किया प्रयास...
वन विभाग की तीन सदस्यीय पशुचिकित्सा टीम ने मृत हाथी का पोस्टमार्टम किया, जिसमें मृत्यु का कारण विद्युत करंट बताया गया। घटना की सूचना पुलिस को भी दी गई और जांच शुरू की गई।
पूछताछ में तीन आरोपियों की पहचान हुई:
- वीर सिंग मांझी, पिता मेहत्तर मांझी, उम्र 28 वर्ष, ग्राम केराखोल
- रामनाथ राठिया, पिता महेश्वर राठिया, उम्र 42 वर्ष, ग्राम औराईमुड़ा
- बसंत राठिया, पिता ठाकुर राम राठिया, उम्र 40 वर्ष, ग्राम केराखोल
वीर सिंग मांझी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उन्होंने अपने साथियों के साथ खेत की रखवाली के लिए बिजली का तार लगाकर जंगली जानवरों को मारने का प्रयास किया। इसी दौरान हाथी करंट की चपेट में आ गया। आरोपियों ने तार और लोहे का सामान खुद खरीदा था।
तीनों आरोपियों को वन अपराध के तहत गिरफ्तार...
वन अपराध में लिप्त तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 9 और 51 के तहत 20 अक्टूबर को अपराध दर्ज किया गया। 21 अक्टूबर को तीनों आरोपियों को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। मामले की विस्तृत जांच अभी जारी है। वन मंत्री केदार कश्यप ने अधिकारियों को वन्य अपराध में संलिप्त लोगों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।