छत्तीसगढ़ में कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी पर गरमाई सियासत, विपक्ष ने भाजपा पर साधा निशाना

रायपुर/दिल्ली। छत्तीसगढ़ के दुर्ग रेलवे स्टेशन पर दो कैथोलिक ननों और एक अन्य महिला की गिरफ्तारी ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मचा दी है। मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोपों में गिरफ्तार हुईं ये ननें – प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस, मूलतः आगरा से आई थीं और नारायणपुर की युवतियों को साथ लेकर आगरा ले जा रही थीं, जहां कथित तौर पर प्रशिक्षण और रोजगार की योजना थी।
हालांकि, बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने स्टेशन पर इनकी गतिविधियों को संदिग्ध मानते हुए धर्मांतरण की आशंका जताई और GRP थाना के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया। इसके बाद GRP ने तीनों महिलाओं को हिरासत में लेकर मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया।
राजनीतिक तूफान: राहुल गांधी और कांग्रेस का विरोध
घटना को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने X (पूर्व ट्विटर) पर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा,
“छत्तीसगढ़ में कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के लिए निशाना बनाया गया और जेल भेजा गया। यह भाजपा-आरएसएस की भीड़तंत्र की हुकूमत है।”
कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने भी इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि
“कैथोलिक ननों को किसी भी अपराध के बिना हिंसक भीड़ के दबाव में गिरफ्तार किया गया। यह धार्मिक अल्पसंख्यकों पर दबाव का हिस्सा है।”
उन्होंने बताया कि कांग्रेस ने इस मामले को लेकर गृह मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है।
भाजपा सरकार पर विपक्ष का बड़ा आरोप
विपक्ष का आरोप है कि राज्य में धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है और बिना किसी स्पष्ट साक्ष्य के केवल भीड़ के दबाव में गिरफ्तारियां की जा रही हैं। कांग्रेस ने इसे संवैधानिक अधिकारों का हनन और अल्पसंख्यकों के खिलाफ ‘खतरनाक पैटर्न’ बताया है।
क्या कहती है पुलिस?
GRP दुर्ग का कहना है कि उन्हें धर्मांतरण और मानव तस्करी की संभावित आशंका की सूचना मिली थी, और मामले की जांच जारी है। पुलिस यह भी देख रही है कि युवतियों को जानकारी के साथ ले जाया जा रहा था या नहीं।