प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना से रोशन हो रहे छत्तीसगढ़ के घर — इंदर सिंह दत्ता बने ऊर्जा आत्मनिर्भरता की मिसाल

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना आम नागरिकों के जीवन में ऊर्जा आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिख रही है। अब पारंपरिक उपभोक्ता केवल बिजली के उपयोगकर्ता नहीं, बल्कि ऊर्जा उत्पादक नागरिक बन रहे हैं।
पंजाबी कॉलोनी के इंदर सिंह दत्ता ने दिखाई राह...
बेमेतरा जिले के पंजाबी कॉलोनी निवासी श्री इंदर सिंह दत्ता ने इस योजना का लाभ उठाकर अपने मकान की छत पर 3 किलोवाट क्षमता का सोलर रूफटॉप प्लांट लगाया है। सिर्फ एक माह में 300 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन कर उन्होंने यह साबित कर दिया कि सौर ऊर्जा से न केवल बचत संभव है, बल्कि यह अतिरिक्त आय का साधन भी बन सकती है।
अब उनका बिजली बिल लगभग नगण्य हो गया है, और बची हुई बिजली को ग्रिड में बेचकर उन्हें हर महीने आर्थिक लाभ मिल रहा है।
श्री दत्ता बताते हैं —
पहले हर महीने भारी बिजली बिल चुकाना पड़ता था, अब वही बिजली हमारी कमाई का जरिया बन गई है। यह योजना आम लोगों के लिए वाकई वरदान साबित हो रही है।
डबल सब्सिडी से बढ़ी आम जनता की भागीदारी...
इस योजना के तहत 3 किलोवाट सोलर प्लांट लगाने पर केंद्र सरकार से ₹78,000 और राज्य सरकार से ₹30,000 की सब्सिडी दी जाती है। यानी उपभोक्ताओं को कुल ₹1,08,000 की आर्थिक सहायता सीधे उनके खाते में प्राप्त होती है।
इस “डबल सब्सिडी लाभ” के चलते लोग बड़ी संख्या में सौर ऊर्जा अपनाने के लिए आगे आ रहे हैं।
राज्य सरकार ने इस योजना को तेजी से, पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से लागू किया है ताकि अधिक से अधिक घर सौर ऊर्जा से जुड़ सकें।
आर्थिक सशक्तिकरण के साथ पर्यावरण संरक्षण भी...
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना न केवल आर्थिक सशक्तिकरण का माध्यम बनी है, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण और हरित विकास की दिशा में भी एक क्रांतिकारी कदम है। यह योजना “हर घर सौर – हर घर रोशन” के विज़न को साकार करती हुई दिख रही है।
छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में यह योजना आम नागरिकों को स्वच्छ ऊर्जा, स्थायी सुविधा और आत्मनिर्भर जीवनशैली की ओर प्रेरित कर रही है।