नवा रायपुर में बनेगा देश का पहला डिजिटल ट्राइबल फ्रीडम म्यूजियम, प्रधानमंत्री करेंगे लोकार्पण

रायपुर। राज्योत्सव 2025 के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवा रायपुर (अटल नगर) में छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की स्मृति में निर्मित भव्य “शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय सह-स्मारक” का लोकार्पण करेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर तैयार हो रहा यह संग्रहालय देश का पहला पूर्णत: डिजिटल ट्राइबल म्यूजियम होगा, जहां छत्तीसगढ़ के 16 ऐतिहासिक आदिवासी विद्रोहों की झलक ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति के माध्यम से देखने-सुनने को मिलेगी।
संग्रहालय के लोकार्पण की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। भारत सरकार के जनजाति मंत्रालय के अधिकारियों ने स्थल का अवलोकन कर इसकी भव्यता और नवीन प्रस्तुति की सराहना की।
आदिवासी शौर्य और बलिदान की जीवंत गाथा...
प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने मंत्रालय की ओएसडी श्रीमती रंजना चोपड़ा और संचालक श्रीमती दीपाली मासिरकर को भ्रमण कराते हुए बताया कि यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज के शौर्य, बलिदान और गौरवपूर्ण इतिहास को नई पीढ़ी के सामने जीवंत रूप में प्रस्तुत करेगा। उन्होंने कहा कि यह स्मारक देश और विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी प्रेरणादायक स्थल बनेगा।

संग्रहालय में अत्याधुनिक डिजिटल तकनीक, ऑडियो-विजुअल डिस्प्ले और ट्राइबल आर्ट वर्क के माध्यम से आदिवासी विद्रोहों और उनके नायकों की गाथा प्रस्तुत की जाएगी।
1400 वर्ष पुराने साल वृक्ष की प्रतिकृति बनेगी आकर्षण का केंद्र...
संग्रहालय के प्रवेश द्वार पर सरगुजा के कलाकारों द्वारा तैयार किए गए नक्काशीदार पैनल लगाए जा रहे हैं। मुख्य द्वार से प्रवेश करते ही दर्शकों का स्वागत 1400 वर्ष पुराने साल वृक्ष की प्रतिकृति करेगी, जिसकी पत्तियों पर सभी 14 प्रमुख विद्रोहों का जीवंत वर्णन अंकित होगा।

श्रीमती रंजना चोपड़ा ने परिसर के तालाब क्षेत्र में सुंदर पाथवे और लाइटिंग व्यवस्था, साथ ही ट्राइबल आर्ट गैलरी को और आकर्षक बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह जी से जुड़ी ऐतिहासिक वस्तुएं — जैसे तलवार, जेल रिकॉर्ड और सजा आदेश — को सुरक्षित रूप से डिस्प्ले करने के सुझाव दिए।
डिजिटल अनुभव और ऑडियो-विजुअल प्रस्तुति...
संग्रहालय की प्रत्येक गैलरी में QR कोड स्कैनिंग सुविधा होगी, जिससे आगंतुक अपने मोबाइल से संबंधित विद्रोह की पूरी जानकारी और उससे जुड़ा संगीत सुन सकेंगे। इसके अलावा ऑडियो-वीडियो स्क्रीन, ट्राइबल डॉक्यूमेंट्री फिल्म, और सेल्फी प्वाइंट जैसी आधुनिक सुविधाएं भी शामिल की जा रही हैं।
14 गैलरियों में प्रदर्शित होंगे ऐतिहासिक विद्रोह...
संग्रहालय में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हुए छत्तीसगढ़ के प्रमुख आदिवासी विद्रोहों, हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपालपट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, तारापुर विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी चौरिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झंडा सत्याग्रह और जंगल सत्याग्रह, को 14 अलग-अलग गैलरियों में प्रदर्शित किया जाएगा। प्रत्येक गैलरी में इन आंदोलनों के वीर नायकों, उनके संघर्ष और बलिदान को डिजिटल माध्यम से जीवंत रूप में दिखाया जाएगा।
इस अवसर पर डॉ. सरांश मित्तर (आयुक्त, आदिम जाति विकास विभाग), डॉ. जगदीश सोनकर (संचालक, राज्य अंत्यावसायी विकास निगम), और श्रीमती हिना अनिमेष नेताम (संचालक, आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान) सहित निर्माण कार्य से जुड़े अधिकारी उपस्थित थे।



