कमार समुदाय के लिए नई सुबह – मसानडबरा में बनी छत्तीसगढ़ की पहली प्रधानमंत्री जनमन आवास कॉलोनी

धमतरी। विशेष पिछड़ी जनजाति कमार समुदाय के लिए सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन सुनिश्चित करने की दिशा में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना ऐतिहासिक पहल साबित हो रही है। धमतरी जिले के नगरी विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत संकरा के आश्रित ग्राम मसानडबरा में इस योजना के तहत पक्के मकानों का निर्माण तेजी से जारी है।
यह देश की दूसरी और छत्तीसगढ़ की पहली प्रधानमंत्री जनमन आवास कॉलोनी है, जो कमार समाज के सामाजिक-आर्थिक उत्थान का प्रतीक बनेगी। मसानडबरा ग्राम पंचायत संकरा से लगभग 5 किलोमीटर दूर सुदूर वनांचल में बसा है, जहाँ मुख्यतः कमार परिवार निवासरत हैं।
36 परिवारों को मिलेगा नया आशियाना...
गांव के कुल 42 परिवारों में से 36 पात्र परिवारों को इस योजना के तहत पक्के मकान स्वीकृत किए गए हैं। अभी तक ये परिवार जर्जर कच्चे मकानों में रह रहे थे और जीविका के लिए महुआ, टोरा, कोसा, कंदमूल, दातून और तेंदूपत्ता जैसी वनोपज पर निर्भर थे।

आधुनिक सुविधाओं से लैस मॉडल कॉलोनी...
मसानडबरा कॉलोनी को एक मॉडल बसाहट के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें—
- एक जैसे डिज़ाइन वाले पक्के मकान
- आकर्षक टाइल्स और रंग-रोगन
- प्रत्येक घर में स्वच्छ शौचालय और पेयजल की सुविधा
- आँगन में फलदार वृक्षारोपण
- कॉलोनी में सीसी सड़क, सार्वजनिक उद्यान और बच्चों के लिए झूलाघर
- हाईमास्ट लाइट और पारंपरिक देवगुड़ी की स्थापना
इन सबके जरिए न सिर्फ आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी बल्कि परंपराओं का भी सम्मान बरकरार रहेगा।
आजीविका के नए अवसर...
कमार युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जिला प्रशासन ने किराना दुकान, सैलून, सामूहिक मुर्गी पालन और सुअर पालन जैसी आजीविका गतिविधियों को जोड़ा है। साथ ही, लिलांज नदी पर स्टॉप डेम बनाकर मछली पालन को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। इन प्रयासों से समुदाय की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगी और रोजगार के नए साधन विकसित होंगे।
जिले में जनमन योजना की स्थिति...
धमतरी जिले में प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत कुल 1481 आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से 982 आवास पूरे हो चुके हैं। अब तक 1470 हितग्राहियों को 23.90 करोड़ रुपये की राशि भी वितरित की जा चुकी है।
वहीं कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने कहा—
मसानडबरा की प्रधानमंत्री जनमन आवास कॉलोनी केवल मकान निर्माण की पहल नहीं है, बल्कि कमार समुदाय को सुरक्षित आवास, सामाजिक सम्मान और आत्मनिर्भर जीवन देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।