पीएम आवास योजना से सुकमा के मंगलू परिवार की जिंदगी में आई नई रोशनी

सुकमा। प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने जरूरतमंद परिवारों के जीवन में सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता की नई पहचान दी है। इसका सबसे जीवंत उदाहरण हैं सुकमा जिले के छिंदगढ़ गाँव निवासी मंगलू और उनका परिवार, जिनकी जिंदगी अब पूरी तरह बदल चुकी है।
पहले की कड़वी हकीकत...
मंगलू अपने दो बच्चों के साथ जर्जर और कच्चे घर में रहते थे।
- बरसात में टपकती छत
- गर्मी में तपती दीवारें
- सर्दियों में असुरक्षित ठंडी रातें
ये सब उनकी रोज़मर्रा की कठिनाइयाँ थीं, जो उनके जीवन को संघर्षपूर्ण बना रही थीं।
अब पूरी तरह बदल गया जीवन...
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.20 लाख रुपये और मनरेगा से मिली मजदूरी की मदद से सपनों का पक्का घर तैयार हुआ।
- दो कमरे
- साफ-सुथरी रसोई
- बिजली और शौचालय की सुविधा
कुछ ही महीनों में गांववालों की मदद और प्रशासन के मार्गदर्शन से यह घर बनकर तैयार हुआ।
मंगलू ने नए घर में प्रवेश करते हुए भावुक होकर कहा—
अब मुझे दूसरों के घर शरण नहीं मांगनी पड़ेगी। मेरा अपना घर है और मेरे बच्चे चैन की नींद सोते हैं।
योजना की व्यापक सफलता...
प्रधानमंत्री आवास योजना ने मंगलू जैसे हजारों परिवारों को केवल पक्का घर ही नहीं दिया, बल्कि उन्हें सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता की नई पहचान भी दिलाई है। जिला सीईओ श्री मुकुंद ठाकुर ने बताया कि जिले में पात्र परिवारों तक पीएम आवास योजना तेजी से पहुँचाई जा रही है। प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि हर जरूरतमंद को उसका अधिकार मिले।
साथ ही, ग्रामीणों को आवास के साथ-साथ स्थानीय रोजगार भी उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे सामाजिक सहभागिता और आर्थिक आत्मनिर्भरता दोनों को मजबूती मिल रही है।