रजत महोत्सव वर्ष में धनोरा की रतो बाई के घर आई खुशियों की रौशनी, मिला पक्का मकान और सम्मान का ठिकाना

केशकाल (कोंडागांव)। दीपावली से पहले केशकाल विकासखंड के ग्राम पंचायत धनोरा की रतो बाई के जीवन में सचमुच रोशनी उतर आई है। छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव वर्ष में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) ने इस सुदूर वनांचल की नक्सल प्रभावित अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला को न केवल पक्के घर का सपना पूरा किया, बल्कि सम्मान और सुरक्षा का अहसास भी दिलाया है।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रतो बाई को 1.20 लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की गई थी। साथ ही, आवास निर्माण कार्य के लिए उन्हें मनरेगा के माध्यम से 90 दिनों का रोजगार और 23,490 रुपये का पारिश्रमिक भी प्राप्त हुआ। इस आर्थिक सहयोग ने रतो बाई को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभाई।
जीविकोपार्जन के लिए सब्ज़ी विक्रय का कार्य करने वाली रतो बाई अब एक पक्के मकान में सुरक्षित जीवन जी रही हैं। उन्हें शासन की अन्य कल्याणकारी योजनाओं — महतारी वंदन योजना, उज्ज्वला योजना, नल-जल योजना, सौभाग्य योजना और शौचालय योजना — का भी लाभ मिला है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही यह विशेष परियोजना नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और सशक्तिकरण की दिशा में सरकार की संवेदनशील सोच को दर्शाती है। इस योजना का उद्देश्य ऐसे परिवारों को मुख्यधारा से जोड़ना और उन्हें सुरक्षित, सम्मानजनक व आत्मनिर्भर जीवन प्रदान करना है।
रतो बाई के चेहरे पर आई मुस्कान इस बात की गवाही देती है कि सरकार की योजनाएं अब वास्तव में “अंतिम छोर तक पहुँचने वाले व्यक्ति” के जीवन में बदलाव ला रही हैं। दीपोत्सव से पहले मिला यह उपहार न केवल उनके घर बल्कि पूरे गांव के लिए खुशियों का संदेश बन गया है।