ट्रेनें रद होने से लोग परेशान, अफसरों से मिले व्यापारी, रेलवे का दावा, कोरोनाकाल के दौरान बंद सभी ट्रेनें पटरी पर लौटी

रायपुर। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में सभी ट्रेनों का नियमित परिचालन निर्धारित समय के अनुसार किया जा रहा है। कोरोनाकाल के दौरान बंद किए गए सभी ट्रेनें फिर से पटरी पर दौड़ने लगी है। इसके साथ ही यात्रियों की सुविधा और मांग को देखते हुए पिछले साल से अब तक विभिन्न स्टेशनों में अलग-अलग ट्रेनों का 53 विभिन्न स्टेशनों में ठहराव दिए गए है। इनमें कई छोटे स्टेशन भी शामिल है।
रेलवे अफसरों से मिला कैट सीजी चैप्टर का प्रतिनिधिमंडल
इधर, कभी रेलवे ट्रैक तो कभी अन्य कामों को लेकर एक्सप्रेस और लोकल पैंसेजर ट्रेन को रेलवे प्रशासन लगातार रद कर रहा है। इससे जहां आम यात्री परेशान हैं, वहीं व्यापारियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी और निरस्त होने के कारण व्यापारियों को हो रही परेशानियों को लेकर कैट सीजी चैप्टर का एक प्रतिनिधिमंडल रायपुर रेल मंडल के अफसरों से मिला।
रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि यात्रियों को कंफर्म बर्थ की सुविधा उपलब्ध कराने वर्ष 2022-23 और इस वर्ष के अप्रैल माह से अब तक विभिन्न ट्रेनों में 78 स्थायी रूप से अतिरिक्त कोच लगाया गया। साथ ही भीड़भाड़, त्योहारों और छुट्टियों में 2550 अस्थायी अतिरिक्त कोच लगाए गए। इसी तरह से इस वर्ष के अप्रैल से सितंबर महीने तक रेल विकास कार्यों (नान-इंटरलाकिंग) के दौरान प्रतिदिन चलने वाली औसत यात्री ट्रेनों में से महज एक प्रतिशत से भी कम ट्रेनों को रद किया गया।
दपूमरे में चल रही 247 ट्रेनें
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में प्रतिदिन औसत 247 मेल, एक्सप्रेस व पैसेंजर ट्रेनें संचालित हो रही है। इन छह महीनों में 35 दिनों के कार्य के दौरान कुल 28 ट्रेनों को रद किया गया, जो कि प्रतिदिन चलने वाली गाड़ियों का मात्र एक प्रतिशत से भी कम है। अभी हाल ही में सक्ती यार्ड में किए जा रहे कार्य के दौरान रद किए गए। सात ट्रेनों को रक्षाबंधन पर्व को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने पुनः चलाया। समय के साथ रेल यात्रियों की संख्या, ट्रेनों के जरिए परिवहन की जाने वाली आवश्यक वस्तुओं की मात्रा में काफी वृद्धि हो रही है।
देश में परिवहन के सबसे बड़े साधन भारतीय रेल के ऊपर दिन प्रतिदिन यात्री, माल यातायात का दबाव बढ़ रहा है। आने वाले दिनों में बढ़ने वाली रेल ट्रैफिक की मांग और जरूरतों को ध्यान में रखकर रेलवे में वृहद स्तर पर बुनियादी संरचना और क्षमता वृद्धि के काम कराए जा रहे है, जिसका लाभ आने वाले दिनों में इस क्षेत्र के निवासियों को निश्चित ही मिलेगा।
इसी कड़ी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में तेजी से नई रेल लाइन, दोहरीकरण, तिहरीकरण एवं चौथी लाइन के कार्य किए जा रहे है। इन निर्माण कार्यों में केवल नान-इंटरलाकिंग कार्य के ही दौरान आवश्यकता होने पर ही कुछ ट्रेनों को रद, मार्ग परिवर्तित या पुनर्निर्धारित कर कार्य को पूरा किया जाता है।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में रेल विकास कार्यों (नान-इंटरलाकिंग) के दौरान अप्रैल माह में दुर्ग-भिलाई एवं एच केबिन, स्टेशनों में कुल छह दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.06 प्रतिशत ट्रेनों को रद किया गया।
इसी प्रकार मई माह में रायपुर एवं आरवीएच स्टेशनों के मध्य दो दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.23 प्रतिशत, जून माह में झारीडीह स्टेशन यार्ड में दो दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.09 प्रतिशत, जुलाई माह में नैला, गुदमा एवं कांप्टी स्टेशनों में 10 दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.47 प्रतिशत, अगस्त माह में सक्ती एवं जी केबिन स्टेशनों में छह दिनों के कार्य में प्रतिदिन चलने वाली औसत ट्रेनों में से केवल 0.49 प्रतिशत, सितंबर माह में बधवावारा व कुम्हारी एवं भिलाई स्टेशनों में नौ दिनों के कार्य में केवल 2.23 प्रतिशत ट्रेनों को रद किया गया।