पूर्व NCP नेता नवाब मलिक के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश, जाने क्या है मामला…
पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रहीं हैं. महाराष्ट्र के वासिम ज़िले के अडिशनल सेसंस जज ने नवाब मलिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. मलिक पर समीर वानखेड़े पर जातीय टिप्पणी का आरोप लगा हुआ है. इसलिए नवाब मलिक के खिलाफ कोर्ट ने आदेश किया है कि नवाब के खिलाफ IPC 156 (3) के तहत मामला दर्ज किया जाए. दरअसल समीर वानखेड़े के चचेरे भाई संजय वानखेड़े ने वासिम ज़िला अदालत में याचिका दायर की थी और उस याचिका के जवाब में कोर्ट ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा है. संजय वानखेड़े ने पहले पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी जिसपर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) मुंबई के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े ने एनसीपी नेता नवाब मलिक के खिलाफ मुंबई पुलिस में मानहानि का केस दर्ज कराया था. यह केस उन्होंने महाराष्ट्र सामाजिक न्याय विभाग की मुंबई जिला जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति से क्लीन चिट मिलने के बाद दर्ज कराया. समीर वानखेड़े ने नवाब मलिक के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था. बता दें कि नवाब मलिक ने महाराष्ट्र में मंत्री रहते हुए वानखेड़े पर एससी-एसटी के फर्जी दस्तावेज बनाकर नौकरी हासिल करने का आरोप लगाया था. उस समय समीर वाखेड़े फिल्म स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान के ड्रग्स केस की जांच कर रहे थे. समीर का आरोप था की नवाब मलिक ने उनके महार जाती को लेकर उन्हें अपमानित किया।
मनी लॉन्ड्रिंग का भी है आरोप...
नवाब मलिक फिलहाल जेल की सलाखों के पीछे कैद है. ईडी ने उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़ा है. इस साल फरवरी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उन्हें गिरफ्तार किया था. फिलहाल NCP नेता न्यायिक हिरासत में हैं और वर्तमान में उनका एक अस्पताल में इलाज चल रहा है. इस बीच, महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री की जमानत याचिका पर अदालत 24 नवंबर को अपना आदेश सुना सकती है।