शिफ्ट इंचार्ज की कार्यप्रणाली से नाराज आपरेटरों ने किया काम बंद

कोरबा। साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) की दीपिका खदान में डंपर- शावेल आपरेटर, केबलमेन समेत अन्य स्टाफ ने हड़ताल कर दी। उन्होंने रिले-ए- शिफ्ट इंचार्ज पर मनमानी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इंचार्ज की हरकतों से मानसिक रूप से प्रताडि़त हो चुके हैं और उनकी उपस्थिति में यहां काम करने में असहज महसूस कर रहे हैं। हड़ताल से कामकाज ठप हो गया है।
दीपिका खदान में विश्वकर्मा पूजा के दिन आंदोलन होने से प्रबंधन की चिंता बढ़ गई। हड़तालियों ने महाप्रबंधक दीपका को पत्र सौंप कर इंचार्ज एनके साहू को हटाने की मांग करते हुए कहा है कि उनकी वजह से सभी आपरेटर्स परेशान है। इसी वजह से विश्वजीत नामक आपरेटर से डंपर पलट गया और घनश्याम कश्यप घायल हो गया। हर दिन आपरेटर को प्रताडि़त करने का काम जारी है। इसके अंतर्गत उपस्थिति काट देने, ओटी से वंचित करने, 240 टन डंपर से उतार देने और डंपर हार्ड स्टैंड में खड़ा कर घर चले जाने जैसी धमकी साहू द्वारा दी जाती है। डोजर और ग्रेडर की मांग करने पर धमकाया जाता है कि तुम लोग डंपर खड़ा कर घर चले जाओ, क्योंकि परेशानी केवल तुम्हारी है। हड़तालियों ने कहा कि हाल रोड में 240 टन एवं 100 टन डंपर चलाया जा रहा है और 100 टन डंपर के ब्रेकडाउन होने पर प्रताडि़त करते हुए नोटिस दिया जा रहे है। इसके अलावा उनकी अन्य कार्यप्रणाली से आपरेटर जूझ रहे हैं।
भूमिगत खदान में सुपरवाइजर बगैर कर्मी नीचे उतरे
एसईसीएल कोरबा क्षेत्र की भूमिगत खदानों में प्रबंधन की कार्यप्रणाली से मजदूरों को बगैर सुपरवाइजर नीचे उतार दिया गया। बताया जा रहा है कि प्रबंधन ने सुपरवाइजरों को निर्धारित क्षमता से ज्यादा काम व मजदूर सौंप दिया। इस पर उनकी संस्था इनमोसा ने विरोध जताया और 17 सितंबर को काम नहीं करने की नोटिस थमा दी। रविवार को कोई सुपरवाइजर काम नहीं आया, इसके बावजूद प्रबंधन ने मजदूरों को ड्यूटी पर भेज दिया, जो रेगुलेशन एक्ट 2017 का उल्लंघन है। नियमत: बगैर सुपरवाइजर के मजदूरों को खदान के अंदर ड्यूटी में नहीं भेजना है।