धमतरी में महिलाओं की आजीविका संवर्धन के लिए एनआईटी रायपुर और DSIR की अनोखी पहल

धमतरी। महिलाओं के कौशल विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए धमतरी जिले में एक नई ऐतिहासिक पहल की शुरुआत हुई है। एन.आई.टी. रायपुर और डी.एस.आई.आर. (DSIR) के संयुक्त प्रयास से यहां महिलाओं की आजीविका संवर्धन हेतु पहला प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। यह परियोजना न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में DSIR का पहला ऐसा प्रयास है।
धमतरी की पहचान और ज़रूरत...
धमतरी जिला पारंपरिक रूप से अनाज और वनोपज उत्पादन में अग्रणी रहा है। बड़ी संख्या में महिलाएं और किसान कृषि व वन आधारित गतिविधियों से जुड़े हैं। लेकिन बदलते समय में उत्पादन बढ़ाने, उचित मूल्य प्राप्त करने और नए रोजगार के अवसरों के लिए आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण और मूल्य संवर्धन की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।
DSIR स्किल सैटेलाइट सेंटर...
इसी को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर अबिनाश मिश्रा की पहल पर धमतरी में DSIR स्किल सैटेलाइट सेंटर की स्थापना की जा रही है। यह पहल TDUPW (Technology Development and Utilization Programme for Women) योजना के तहत चलाई जाएगी, जिसका मकसद ग्रामीण महिलाओं को आधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक नवाचार और नए अवसरों से जोड़ना है।
परियोजना की मुख्य बातें...
- परियोजना का संचालन एनआईटी रायपुर फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड एंटरप्रेन्योरशिप (NITRRFIE) और जिला प्रशासन मिलकर करेंगे।
- महिलाओं को वनोपज आधारित उद्यमिता, कौशल विकास और बुनाई तकनीक में आधुनिक डिजाइन हस्तक्षेप की ट्रेनिंग दी जाएगी।
- “वेस्ट टू वेल्थ” तकनीक के ज़रिए अपशिष्ट सामग्री से मूल्यवान उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
- परियोजना 36 माह में पूरी होगी और इसके लिए 95 लाख रुपए की वित्तीय सहायता का प्रस्ताव है।
नेतृत्व और विशेषज्ञता...
इस परियोजना के निदेशक और प्रधान अन्वेषक के रूप में एनआईटी रायपुर के डॉ. अनुज कुमार शुक्ला को जिम्मेदारी दी गई है। एनआईटी रायपुर फाउंडेशन तकनीकी और वैज्ञानिक विशेषज्ञता प्रदान करेगा, वहीं जिला प्रशासन स्थानीय सहयोग और समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करेगा।
महिलाओं के लिए वरदान...
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने कहा –
“यह पहल ग्रामीण महिलाओं को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। यह परियोजना रोजगार सृजन, महिला सशक्तिकरण और जिले की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई पहचान दिलाएगी।”
असर और भविष्य...
- ग्रामीण व वनांचल क्षेत्रों की महिलाओं को सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा।
- स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्यमिता और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।
- महिलाओं की आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी और समाज में उन्हें नई पहचान मिलेगी।
यह परियोजना धमतरी की महिलाओं के लिए केवल रोजगार का साधन ही नहीं, बल्कि सशक्तिकरण, आत्मनिर्भरता और सतत आर्थिक विकास का एक नया अध्याय साबित होगी।