नंदनवन चिड़ियाघर से 38 पक्षियों के अवैध रूप से ले जाए जाने का आरोप, ग्रामीणों ने की शिकायत

रायपुर। शहर के पहले चिड़ियाघर नंदनवन से 38 पक्षियों को बिना अनुमति ले जाए जाने का गंभीर मामला सामने आया है। नंदनवन-हथबंध ग्राम पंचायत के सरपंच ताजु निषाद सहित ग्रामीणों ने इस संबंध में आमानाका थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। ग्रामीणों का आरोप है कि जंगल सफारी में पदस्थ डॉक्टर झाड़ियां ने विभिन्न प्रजातियों के कुल 38 नाग चिड़ियों को अपने निजी वाहन में पिंजरों के माध्यम से चिड़ियाघर से बाहर ले जाया।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार, जिस समय पक्षियों को बाहर ले जाया गया, उस समय वे डीएफओ के साथ बैठक में मौजूद थे। डीएफओ ने आश्वस्त किया था कि ग्रामीणों की सहमति के बिना चिड़ियाघर से किसी भी पक्षी को बाहर नहीं ले जाया जाएगा, इसके बावजूद पक्षियों को चुपचाप ले जाया गया। ग्राम पंचायत ने बताया कि जब नंदनवन प्रभारी से इस मामले में पूछताछ की गई, तो उन्होंने किसी भी जानकारी से इंकार कर दिया।
सरपंच ताजु निषाद ने इस प्रकरण को लेकर वन मंत्री केदार कश्यप को भी पत्र लिखा है। उन्होंने उल्लेख किया है कि वन्यजीव विभाग की लिखित अनुमति के बिना किसी भी निजी वाहन से पक्षियों को बाहर ले जाना अपराध की श्रेणी में आता है। उन्होंने मामले में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व सरपंच कुलेश्वर चंद्राकर ने आशंका जताई है कि नंदनवन से पक्षियों की तस्करी की जा सकती है। उनका कहना है कि 38 पक्षियों को अचानक और बिना अनुमति ले जाना संदेह पैदा करता है। उन्होंने डीएफओ और डॉक्टर के बीच संभावित मिलीभगत की बात कहते हुए मामले की निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है।



