नितिन गडकरी का बड़ा बयान – “धर्म से नेताओं और मंत्रियों को दूर रखो”

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने रविवार को नागपुर में आयोजित महानुभाव पंथ सम्मेलन में धर्म और राजनीति पर बेबाक राय रखी। उन्होंने साफ कहा कि धर्म से नेताओं और मंत्रियों को दूर रखना चाहिए, क्योंकि जहां नेता धर्म में दखल देते हैं, वहां विवाद और तनाव बढ़ने में देर नहीं लगती।
धर्म-राजनीति का घालमेल खतरनाक...
गडकरी ने कहा कि धर्म, समाज सेवा और राजनीति – तीनों का अपना-अपना महत्व है, लेकिन इन्हें मिलाना समाज के लिए नुकसानदायक है। अगर धर्म को सत्ता के हाथों सौंप दिया जाए तो विकास और रोजगार जैसे असली मुद्दे पीछे छूट जाते हैं। उन्होंने चेताया कि धर्म को राजनीतिक हथियार बनाना सबसे बड़ी भूल है।
चक्रधर स्वामी की शिक्षाओं का किया स्मरण...
कार्यक्रम में गडकरी ने महानुभाव पंथ के संस्थापक चक्रधर स्वामी को याद किया। उन्होंने कहा कि सत्य, अहिंसा, समानता और मानवता जैसे सिद्धांत ही असली धर्म हैं। दूसरों को दुख न पहुंचाना और सत्य का पालन करना ही जीवन का आधार होना चाहिए।
बेबाक अंदाज में रखे अनुभव...
गडकरी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि सच बोलना आसान है, लेकिन उसे अमल में लाना सबसे बड़ी चुनौती है, क्योंकि सिस्टम कई बार सच बोलने की इजाजत नहीं देता। मजाकिया लहजे में उन्होंने कहा –
“राजनीति में वही सबसे बड़ा नेता है, जो लोगों को सबसे अच्छे से मूर्ख बना सके।”
इस पर सभागार ठहाकों से गूंज उठा।
शॉर्टकट से बचने की सलाह...
डकरी ने चेतावनी दी कि शॉर्टकट अपनाकर मंजिल हासिल नहीं की जा सकती। जैसे लाल बत्ती तोड़ना आसान है, लेकिन इसका नतीजा नुकसान ही होता है।
पहले भी दिए हैं बेबाक बयान...
गडकरी इससे पहले भी कई बार अपने स्पष्ट और बेबाक बयानों से चर्चा में रह चुके हैं। उन्होंने कहा था – “दुनिया झुकती है, बस झुकाने वाला चाहिए।” साथ ही उनका मानना है कि समाज में ऐसे लोग होने चाहिए जो सरकार के खिलाफ अदालत में केस लड़ें, क्योंकि कई बार अदालतें वही काम करवा देती हैं, जो सरकार से नहीं हो पाता।