बागेश्वर धाम का चमत्कार और श्रद्धा का संगम, रायपुर बना धर्म की अनोखी भूमि

बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के दरबार में हुई ऐतिहासिक घटना, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़...
रायपुर। राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी स्थित अवधपुरी मैदान में चल रही बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर पूज्य पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा के तीसरे दिन धर्म परिवर्तन और घर वापसी का दिव्य दृश्य देखने को मिला। मुर्रा भट्टी निवासी मुस्लिम समाज के सलाम ने कथा मंच पर सनातन धर्म अपनाते हुए कहा —
“मैं पहले भी पूजा-पाठ करता था, लेकिन परिवार के मना करने से रुक गया था। आज जब यहां घर वापसी का माहौल देखा तो मन से सनातन धर्म अपनाने का निर्णय लिया।”

इस अवसर पर पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने उन्हें गंगाजल पिलाकर और तिलक लगाकर सनातन धर्म में स्वागत किया।
उन्होंने कहा —
“अब से सलाम ‘राजवीर’ के नाम से जाने जाएंगे।” साथ ही निर्देश दिया कि एक एफिडेविट बनाकर कलेक्टर को अवश्य दिया जाए।
ईसाई धर्म छोड़कर ओडिया समाज के परिवारों ने भी की घर वापसी...
ओडिया समाज की बिन्दु बाई और श्रीमती निर्मला ने भी अपने परिवार सहित ईसाई धर्म त्यागकर पुनः सनातन धर्म अपनाया। पं. शास्त्री ने गंगाजल और तिलक से उनका स्वागत करते हुए कहा —
“आप अपनी इच्छा से धर्म में लौट रही हैं, किसी ने आपको बाध्य नहीं किया। आज से हनुमान जी की पूजा आरंभ करें।”

पूरे मैदान में जय श्रीराम और हनुमान जी की जय के नारों से गूंज उठी वातावरण।
लोक कलाकारों का हुआ सम्मान, गूंजा छत्तीसगढ़ी गीतों का रंग...
दिव्य दरबार के बाद छत्तीसगढ़ी लोक कलाकार दिलीप षडंगी, कांता सरण और अरु साहू ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से श्रद्धालुओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। मंच पर बसंत अग्रवाल और पं. शास्त्री ने कलाकारों का सम्मान किया।

षडंगी ने कहा —
“जिसे देखने से मन विभोर हो जाए, वही साक्षात भगवान का स्वरूप है।”
दिव्य संदेश: सपने में बंदर दिखें तो समझो अर्जी लग गई!
कथा के दौरान पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने श्रद्धालुओं को धर्म और आचरण से जुड़े कई उपदेश दिए। उन्होंने कहा—
“दिव्य दरबार में अर्जी लगाने के बाद लहसून, मांस और मदिरा का सेवन बंद कर देना चाहिए। यदि दो दिन तक सपने में बंदर दिखाई दें, तो समझना कि तुम्हारी अर्जी लग गई है और बालाजी की सेना आ चुकी है।”

उन्होंने बताया कि बागेश्वर धाम में अब शनिवार को प्रेत राज सरकार का दरबार, मंगलवार को पेशी दरबार और गुरुवार को बालाजी सेवा दिवस रहेगा।
राजनीतिक और सामाजिक हस्तियों की रही गरिमामयी उपस्थिति...





इस अवसर पर परिवहन मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, विधायक मोतीलाल साहू, ईश्वर साहू, रोहित साहू, भाजपा संगठन महामंत्री पवन साय, युवा समाजसेवी चंदन-बसंत अग्रवाल सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
पं. शास्त्री का संदेश — “भगवान आपका चरित्र देखता है, चित्र नहीं”
कथा के अंत में पं. शास्त्री ने कहा —
“यदि भगवान को नचाना है तो माधव को चुनो। भगवान माया से नहीं, भक्ति से प्रसन्न होते हैं। अपने चित्र नहीं, अपने चरित्र को उज्ज्वल बनाओ — क्योंकि भगवान चरित्र देखते हैं, चित्र नहीं।”