मनरेगा से बदली चेतन धुर्वे की किस्मत: अब बरसात नहीं, हर मौसम में लहलहाती फसलें

जशपुर| जशपुर जिले के विकासखण्ड सहसपुर लोहारा की ग्राम पंचायत कुरूवा में रहने वाले किसान चेतन धुर्वे की कहानी बताती है कि अगर अवसर मिले तो मेहनत कभी व्यर्थ नहीं जाती। पहले चेतन अपने खेतों की सिंचाई के लिए केवल बारिश के पानी पर निर्भर रहते थे, लेकिन अब महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से बने सिंचाई कूप (डगवेल) ने उनकी जिंदगी पूरी तरह बदल दी है।
अब हर मौसम में संभव हुई सिंचाई...
पहले चेतन धुर्वे के पास सिर्फ 1.5 एकड़ जमीन थी, जिसमें सीमित फसल ही हो पाती थी। सिंचाई के अभाव में कई बार फसलें नष्ट हो जाती थीं और उन्हें आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता था। लेकिन जब ग्राम पंचायत से उन्हें मनरेगा के तहत सिंचाई कूप निर्माण की मंजूरी मिली, तो उनकी उम्मीदों को पंख लग गए।

योजना के तहत ₹2.52 लाख की स्वीकृति मिली — जिसमें ₹1.03 लाख मजदूरी के रूप में स्थानीय जॉब कार्डधारियों को दी गई, और ₹1.44 लाख सामग्री पर व्यय हुए। यह कार्य गांव के कई परिवारों के लिए रोजगार का साधन बना।
खेती में आई नई रौनक...
कूप बनने के बाद चेतन अब केवल खरीफ नहीं, बल्कि रबी और जायद सीजन की फसलें भी ले पा रहे हैं। सिंचाई सुविधा मिलते ही उन्होंने अपने खेत का रकबा 1.5 एकड़ से बढ़ाकर 5 एकड़ तक कर लिया। अब वे धान, तिलहन और सब्ज़ियों की खेती करते हैं। चेतन बताते हैं कि केवल अपने खेत से ही उन्हें लगभग ₹60,000 का लाभ हुआ है और रकबा बढ़ने से आमदनी अब लाखों में पहुंचने की उम्मीद है।
सब्जी उत्पादन से बढ़ी आमदनी...
खेती के साथ चेतन अब सब्जी उत्पादन भी कर रहे हैं। वे अपनी उगाई हुई ताजी सब्जियां स्थानीय बाजार में बेचकर अतिरिक्त आमदनी कमा रहे हैं। पशुपालन और छोटी व्यवसायिक गतिविधियों ने भी उनके जीवन में स्थायी आर्थिक मजबूती दी है।

चेतन धुर्वे का अनुभव...
“पहले मैं सिर्फ बरसात पर निर्भर रहता था। अब सालभर खेती कर पा रहा हूं। सिंचाई की सुविधा से आय बढ़ी है, परिवार खुशहाल है और अब भविष्य के लिए नई उम्मीदें जागी हैं। मनरेगा योजना ने मेरे जैसे किसानों के जीवन में नई रोशनी लाई है।”
गांव के लिए बनी मिसाल...
आज चेतन धुर्वे की सफलता गांव के अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन गई है। जहां पहले किसान सिर्फ बारिश का इंतजार करते थे, वहीं अब मनरेगा योजना के जरिए सालभर खेती करने योग्य पानी उपलब्ध हो रहा है।