Labour Inspector Suspended in Balodabazar : व्यापारियों से वसूली के आरोप पर गिरी गाज, जांच में खुली परतें

अवैध वसूली के आरोपों से हिल गया श्रम विभाग
बलौदाबाजार। (Labour Inspector Suspended in Balodabazar) जिले के श्रम विभाग में एक बड़ा कदम उठाया गया है। श्रम निरीक्षक रामचरन कौशिक को व्यापारियों से अवैध वसूली और अन्य अनियमितताओं के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। यह कार्रवाई विभागीय जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है।
कलेक्टर की जांच रिपोर्ट में सामने आई अनियमितताएं
कलेक्टर दीपक सोनी द्वारा गठित जांच समिति ने प्रारंभिक रिपोर्ट में पाया कि कौशिक ने अपने कार्यक्षेत्र के निरीक्षण के दौरान कथित रूप से (Illegal Collection by Labour Inspector) की गतिविधियों में शामिल थे। रिपोर्ट आने के बाद, श्रमायुक्त कार्यालय ने उनके खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए कार्रवाई की है।
नियम 9 के तहत तत्काल निलंबन
छत्तीसगढ़ श्रम आयुक्त ने इस मामले में छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम 1966 के नियम-9 के तहत निलंबन आदेश जारी किया है। आदेश के मुताबिक, निलंबन की अवधि के दौरान रामचरन कौशिक को केवल जीवन निर्वाह भत्ता (Subsistence Allowance) मिलेगा। उनका मुख्यालय अब श्रमायुक्त कार्यालय, नवा रायपुर अटल नगर तय किया गया है।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश
(Suspension Action in Labour Department) इस कार्रवाई को श्रम विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, यह निलंबन भ्रष्टाचार और अवैध लेनदेन के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश है कि कोई भी अधिकारी नियमों से ऊपर नहीं है।
आगे की जांच में कई और खुलासों के संकेत
मामले की जांच फिलहाल जारी है और उच्चस्तरीय समिति आगे की पूछताछ कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, आने वाले दिनों में (Balodabazar Labour Case) से जुड़ी और जानकारियां सामने आ सकती हैं। यदि आरोप पुख्ता साबित होते हैं, तो विभाग स्थायी बर्खास्तगी की दिशा में भी कदम बढ़ा सकता है।
निलंबन के बाद प्रशासन सख्त मोड में
इस पूरी घटना के बाद प्रशासन ने अपने अन्य विभागीय अधिकारियों को भी चेताया है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता या निजी लाभ के लिए वसूली करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह मामला अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बना हुआ है।



