कर्नाटक में सत्ता संघर्ष जारी: डीके शिवकुमार ने पावर शेयरिंग पर दिया बड़ा बयान…

कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच सत्ता को लेकर चल रही खींचतान अब और तेज हो गई है। हाल ही में डीके शिवकुमार ने एक कार्यक्रम में कहा कि कुछ लोग सत्ता साझा करने को लेकर तैयार नहीं हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन यह बयान कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति और सिद्धारमैया के साथ उनकी तनातनी को लेकर सियासी हलचल बढ़ा गया है।
इस कार्यक्रम में शिवकुमार ने कांग्रेस और गांधी परिवार के योगदान की भी जमकर तारीफ की। उन्होंने 2004 में सोनिया गांधी द्वारा प्रधानमंत्री पद न लेने के फैसले को उदाहरण के तौर पर पेश करते हुए कहा कि उन्होंने सत्ता को प्राथमिकता नहीं दी और देश के लिए एक सिख, एक अल्पसंख्यक और एक अर्थशास्त्री को प्रधानमंत्री बनाने का फैसला किया।
डीके शिवकुमार ने कहा, “क्या आज कोई भी इतना बड़ा त्याग करता है? यहां तक कि पंचायत स्तर पर भी पावर शेयरिंग को लेकर लोग राजी नहीं होते। कुछ विधायक और मंत्री सत्ता साझा करते हैं, लेकिन कुछ लोग इसके लिए तैयार नहीं होते।”
यह बयान ऐसे समय में आया है जब पिछले महीने भी सिद्धारमैया और शिवकुमार के बीच सत्ता साझेदारी को लेकर विवाद सामने आया था। मीडिया में ऐसी अटकलें भी थीं कि कांग्रेस आलाकमान शिवकुमार को मुख्यमंत्री बना सकता है। 2023 के चुनाव से पहले पावर शेयरिंग का फॉर्मूला बनाया गया था, जिसमें पहले सिद्धारमैया और फिर शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे। हालांकि, दिसंबर 2024 में शिवकुमार ने इसे पूरी तरह खारिज कर दिया था। इसके जवाब में सिद्धारमैया ने भी साफ कर दिया था कि अभी मुख्यमंत्री पद पर उनकी कोई वैकेंसी नहीं है। कर्नाटक की कांग्रेस में जारी यह सत्ता संघर्ष अब आगामी समय में राजनीतिक दल के समीकरणों को प्रभावित कर सकता है।