जेपी वर्मा जमीन विवाद, राज्य शासन करेगा हाई कोर्ट में अपील

बिलासपुर। जमुना प्रसाद वर्मा महाविद्यालय परिसर स्थित खेल मैदान की बिक्री को लेकर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता कार्यालय के विधि अधिकारी ने कोर्ट को बताया कि एक सप्ताह के भीतर राज्य शासन इस मामले में अपील पेश करेगा। अपील को लेकर जरूरी कानूनी प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
शासन के जवाब के बाद डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता को खेल मैदान की जमीन खरीदने वाले सभी 11 लोगों को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया है। डिवीजन बेंच ने यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच में जमुना प्रसाद वर्मा महाविद्यालय के खेल मैदान की जमीन को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई हुई।
डिवीजन बेंच ने सुनवाई के बाद जमीन की खरीदी व अन्य मामले में यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश जारी किया है। जेपी वर्मा कालेज के खेल मैदान की खरीदी बिक्री के खिलाफ अमित बजाज, अतुल बजाज, संतोष बजाज और सुनील बजाज ने अपने अधिवक्ता के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर की है।
सुनवाई के दौरान शिव भगवान रामेश्वर दयाल चैरिटेबल ट्रस्ट अध्यक्ष की तरफ से अधिवक्ता ने जमीन बिक्री समेत मैदान से जुड़ी जानकारी को कोर्ट के सामने पेश किया। याचिकाकर्ता अमित, अतुल, संतोष और सुनील बजाज की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता की मांग पर डिवीजन बेंच ने मैदान खरीदने वाले सभी 11 लोगों को पक्षकार बनाने का निर्देश दिया। साथ ही सभी को सुनवाई के दौरान पूरी जानकारी और दस्तावेज के साथ उपस्थित होने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई के लिए कोर्ट ने चार सप्ताह की तिथि तय कर दी है।
ये है मामला खेल मैदान का
शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा स्नातकोत्तर महाविद्यालय के खेल मैदान के लिए 70 साल पहले ट्रस्ट ने जमीन दान में दी थी। ट्रस्ट ने इसे बेचने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। जरहाभाठा स्थित शासकीय जमुना प्रसाद वर्मा कालेज में कला एवं वाणिज्य संकाय की पढ़ाई होती है। कालेज के सामने बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाइवे पर 2.38 एकड़ जमीन है।
इसे कालेज के विद्यार्थी खेल मैदान के रूप में उपयोग करते है। उक्त जमीन को शिव भगवान रामेश्वर लाल चैरिटेबल ट्रस्ट ने 70 साल पहले खेल मैदान के रूप में उपयोग करने दान में दिया था। ट्रस्ट ने खसरा नंबर 107/3 रकबा 0.40 हेक्टेयर व खसरा नंबर 108/3 रकबा 0.9222 हैक्टेयर जमीन का उपयोग खेल मैदान के रूप में हो रहा है। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने वर्ष 2019 में बिलासपुर एसडीएम कोर्ट में आवेदन पेश किया था। इसकी जानकारी के बाद कालेज खेल मैदान होने के चलते जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। कालेज के छात्रों के अलावा शहर के कई संगठनों ने विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया था।
हाई कोर्ट ने दी थी ये व्यवस्था
कालेज के प्रवेश के लिए 20 फीट का रास्ता छोड़ना होगा। पार्किंग के लिए भी 25 फीट जमीन छोड़नी होगी। 0 कलेक्टर कालेज के खेल मैदान की जमीन की कीमत का पहले मूल्याकंन कराएंगे। 0 ट्रस्ट की जमीन को बेचने से पहले पूरे देश में बिडिंग के लिए पेपर प्रकाशन कराना होगा। नीलामी में जो सबसे अधिक बोली लगाएगा उसे खेल मैदान की जमीन बिक्री की जाएगी।
ट्रस्टी को लेकर आपत्ति
इस मामले में ट्रस्टी परिवार के अन्य सदस्यों (जो वर्तमान में ट्रस्टी नही है) ने भी आपत्ति दर्ज करवाते हुए अदालत को बताया था कि ट्रस्ट के बायलाज में नियम है कि पिता के रहते पुत्र को ट्रस्टी नहीं बनाया जा सकता। जबकि इस ट्रस्ट में कमल बजाज ट्रस्टी हैं और उनका पुत्र चिराग बजाज भी ट्रस्टी हैं।



