जशपुर में पहाड़ी कोरवा गांव हेठसेमर को मिली पहली बारहमासी सड़क, खुला विकास और समृद्धि का मार्ग

जशपुर। राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहलाने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के पहाड़ी कोरवा अब अपनी दुर्गम चोटियों में भी आधुनिक सुविधाओं से जुड़ गए हैं। जशपुर जिले के बगीचा विकासखण्ड के हेठसेमर गांव को अब सन्ना-रौनी मुख्य मार्ग से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम जनमन) के तहत 5 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया गया, जिसकी लागत 3.67 करोड़ रुपए रही।
पहाड़ों की ऊंचाई, दुर्गम रास्ते, उथले पाट और जहरीले जानवरों के खतरे जैसी चुनौतियों के बावजूद सड़क का निर्माण पूरा कर लिया गया। इससे गांववासियों के जीवन में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक संपर्क के नए द्वार खुल गए हैं।

सड़क बनने से पहले बारिश के मौसम में कच्ची पगडंडी और दुर्गम पहाड़ पार करना मुश्किल था। अब बच्चों और ग्रामीणों को स्कूल और स्वास्थ्य सुविधाओं तक सहज आवागमन प्राप्त हो रहा है। उत्पादक किसानों को कृषि उपज और दैनिक वस्तुओं के परिवहन में आसानी हुई है। साथ ही शासकीय योजनाओं का लाभ अब गांववासियों तक सीधे पहुंच रहा है।
सड़क के निर्माण से सामाजिक गतिविधियां और मेलों-त्योहारों में भी ग्रामीण अधिक सक्रिय रूप से भाग ले पा रहे हैं। आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं भी अब सुगम और त्वरित हो गई हैं, जिससे सर्पदंश, दुर्घटना और मातृत्व स्वास्थ्य जैसी आपात स्थितियों में तुरंत सहायता उपलब्ध है।

इस पहल के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की कोशिश है कि सभी पिछड़ी और आदिवासी जनजातियों तक शासन की पहुंच सुनिश्चित हो और उनका समावेशी विकास हो सके।