जनमन आवास योजना से समारू बैगा का सपना हुआ साकार: अब कच्चे घर की जगह मिला सम्मानजनक आशियाना

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही। प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना ने छत्तीसगढ़ के आकांक्षी ब्लॉक गौरेला के ग्राम पंडरीपानी निवासी समारू बैगा के जीवन में खुशियों की नई किरण जगा दी है। कभी कच्चे और जर्जर मकान में जीवनयापन करने वाले समारू अब अपने परिवार के साथ पक्के, सुरक्षित और सम्मानजनक घर में रह रहे हैं — जो उनके लिए किसी सपने के साकार होने से कम नहीं।
कच्चे घर से पक्के आशियाने तक का सफर...
सीमित आय और विपरीत परिस्थितियों में जीवन गुजार रहे समारू बैगा के लिए पक्का घर बनाना एक अधूरा सपना था। वर्ष 2023-24 में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत उन्हें आवास स्वीकृत हुआ और आज उनका परिवार अपने नए घर में खुशहाल जीवन बिता रहा है।
“अब न बारिश की चिंता, न ठंड का डर”
अपनी खुशी जाहिर करते हुए समारू बैगा ने कहा,
“पहले हमारा परिवार हर मौसम में परेशान रहता था — बारिश में छत टपकती थी, सर्दी और गर्मी दोनों में बहुत दिक्कत होती थी। अब प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना से मिला पक्का घर हमारे जीवन की सबसे बड़ी सौगात है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय जी का हृदय से धन्यवाद करता हूं।”
आवास योजना से बदल रहा ग्रामीण भारत का चेहरा...
प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना का लक्ष्य देश के हर जरूरतमंद परिवार को पक्का और सुरक्षित घर उपलब्ध कराना है। छत्तीसगढ़ में इस योजना के तहत अब तक 18 लाख से अधिक आवास स्वीकृत किए जा चुके हैं, जिनमें से करीब 15 लाख परिवारों को अपने सपनों का घर मिल चुका है।
राज्य सरकार की सतत निगरानी और प्रभावी क्रियान्वयन से ग्रामीणों के जीवन में बदलाव की नई कहानी लिखी जा रही है। इस योजना ने न केवल लोगों को आशियाना दिया है, बल्कि उनमें आत्मसम्मान और विश्वास की नई भावना भी जगाई है।