सुकमा के पूवर्ती में जवानों ने निभाया भाई का फर्ज़, नक्सल गढ़ में बजी भरोसे की शहनाई

सुकमा। नक्सल प्रभावित सुकमा ज़िले के पूवर्ती गाँव में एक ऐसा दृश्य सामने आया जिसने हर दिल को छू लिया। कभी कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा का गढ़ रहा यह गाँव अब बदलते दौर का गवाह बन गया है। यहाँ एक बेटी की शादी में सुरक्षा के लिए तैनात सीआरपीएफ जवानों ने न सिर्फ सुरक्षा दी, बल्कि भाई का फर्ज़ निभाते हुए उसे भावनात्मक नेग भेंट भी दिया।
शादी के दिन जब दुल्हन की विदाई का वक्त आया, तो गाँव के लोग उसे लेकर पास के सीआरपीएफ कैंप पहुँच गए। वहाँ तैनात 150वीं बटालियन के जवानों ने दुल्हन को स्नेहपूर्वक आशीर्वाद दिया, गीत-संगीत और नृत्य के साथ खुशी में भाग लिया। यह दृश्य बताता है कि कैसे हथियारों के बीच भी भरोसे और भाईचारे की भावना पनप रही है।
पूवर्ती गाँव की यह शादी अब सिर्फ एक पारिवारिक आयोजन नहीं, बल्कि समाज और सुरक्षा बलों के बीच पनपते विश्वास का प्रतीक बन गई है। वर्षों से नक्सलवाद की छाया में जीते इस क्षेत्र में अब शांति और विकास की किरणें दिखाई देने लगी हैं।
केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त प्रयासों से शांति बहाली की ये सकारात्मक कहानियाँ सामने आ रही हैं, जो दिखाती हैं कि परिवर्तन संभव है। सुकमा पूवर्ती शादी सीआरपीएफ का यह उदाहरण दिल को छू जाने वाली, भावनात्मक और उम्मीद जगाने वाली कहानी है — जहाँ रक्षक ही रिश्ते निभाने लगे हैं।