अगर आपभी हैं शराब दुकान में कार्य करने के शौकीन तो हो जाइए सावधान… देनी होगी मोटी रकम…
रायपुर। छत्तीसगढ़ की अर्थ व्यवस्था में अहम् भूमिका निभाने वाले आबकारी विभाग और उसके सह कर्मी कंपनी BIS (बॉम्बे इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी इंडिया लिमिटेड) कंपनी द्वारा किए जा रहे फर्जीवाड़े की खबर हमने कई बार दिखाया है। लेकिन इस फर्जीवाड़े में अधिकारियों की मिलीभगत के कारण आज तक कंपनी के किसी भी कर्मचारियों पर सरकारी गाज नही गिरा।
राजधानी के शराब दुकानों में लड़कों की भर्ती का जिम्मा आबकारी विभाग की सहायक कंपनी BIS कंपनी को सौंपा गया है, लेकिन इसके साथ जुड़ी गंभीर गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के मामलों ने एक बार फिर आबकारी विभाग को सवालों के कटघरे में ला कर खड़े कर दिया है। सूत्रों के अनुसार BIS के अधिकारी भर्ती प्रक्रिया में अपने अपने जेब गर्म कर रहे हैं। वहीं इस काली कमाई का हिस्सा BIS के आला अधिकारियों व आबकारी विभाग के अधिकारियों तक जाता है।
राजधानी रायपुर के सरकारी शराब दुकान में नियुक्त सेल्समैन बेदराम बंजारे के साथ ऐसा ही एक मामला सामने आया। उसे कुछ ही दिनों बाद हटा दिया गया। फिर शुभम जांगड़े नाम के व्यक्ति ने BIS कंपनी के अधिकारियों व कर्मचारियों को पैसे दिलाने के नाम पर 30 हज़ार रुपये फोनपे के जरिए लिए। लेकिन न तो उसे दोबारा बहाल किया गया, न ही रकम वापस मिली, और सैलरी भी रोक दी गई।
आबकारी विभाग और BIS कंपनी के बीच इस गोरखधंधे की सच्चाई सामने लाना अब बेहद जरूरी हो गया है। यह केवल एक कर्मचारी की बात नहीं है, बल्कि पूरे सिस्टम की पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल खड़ा करता है।