जीपीएम जिला 6वां वर्ष पूरा, शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन और सामाजिक क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ

छत्तीसगढ़ के 33 जिलों में से 28वें जिले के रूप में स्थापित जीपीएम जिला 10 फरवरी 2026 को अपनी 6वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। नवगठित होने के बावजूद जिले ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, सामाजिक एवं अधोसंरचना के क्षेत्रों में उल्लेखनीय प्रगति की है। नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा चयनित आकांक्षी ब्लॉक गौरेला में संपूर्णता अभियान के अंतर्गत जिले ने 6 महत्वपूर्ण इंडिकेटरों में 100% उपलब्धि प्राप्त कर राज्य स्तर पर सिल्वर मैडल जीता। इन इंडिकेटरों में गर्भवती महिलाओं का प्रसव पूर्व देखभाल, मधुमेह एवं उच्च रक्तचाप की जांच, पोषण संबंधी सेवाएँ, मृदा परीक्षण, स्वास्थ्य कार्ड और स्व सहायता समूहों के लिए रिवाल्विंग फंड उपलब्ध कराना शामिल हैं। इस अभियान में 98 अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र और मैडल से सम्मानित किया गया।
26 जून को एनीमिया मुक्त भारत और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के तहत ‘रक्त शक्ति महाअभियान’ आयोजित किया गया। इसमें जिले की 13 से 45 वर्ष आयु वर्ग की 51,727 महिलाओं का हीमोग्लोबीन (एचबी) स्तर परीक्षण किया गया। इस उपलब्धि के लिए जीपीएम जिले का नाम गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज हुआ।
एनीमिया प्रभावित महिलाओं के लिए कार्ययोजना...

महिलाओं में एनीमिया के प्रभाव को देखते हुए, स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग ने एचबी स्तर 7 ग्राम से कम महिलाओं के लिए पृथक कार्य योजना बनाई है। इस अभियान में जिला स्तर से लेकर मैदानी स्तर तक सभी विभागों की भागीदारी रही। जीपीएम जिला घने वनों, नदियों, झरनों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है। जिला प्रशासन, स्थानीय समुदाय और पर्यावरणविदों के समन्वित प्रयासों से जिले को पर्यटन के लिए आकर्षक बनाया गया है और यह प्रदेश के ईको-टूरिज्म मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुका है।
सांस्कृतिक और प्राकृतिक विरासत...
छोटा लेकिन प्रभावशाली, 6 साल का जीपीएम जिला शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और पर्यटन के क्षेत्र में नए मानक स्थापित कर रहा है। आगामी वर्षों में जिले की प्रगति और उपलब्धियाँ और भी अधिक दृष्टिगोचर होने की उम्मीद है।