राज्यपाल रमेन डेका ने डिजिटल मानसिक स्वास्थ्य पर युवाओं को दी अहम सलाह, योग और संतुलित जीवनशैली पर जोर…

रायपुर। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका ने युवाओं से डिजिटल तकनीक का उपयोग नवाचार और रचनात्मकता के लिए करने का आव्हान किया, लेकिन इसके प्रति अत्यधिक निर्भरता से बचने की सलाह दी। सोमवार को पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में आयोजित डिजिटल मानसिक स्वास्थ्य विषयक कार्यशाला में उन्होंने कहा कि कोविड-19 के बाद डिजिटल माध्यमों ने शिक्षा, कार्य और संवाद को आसान बनाया, लेकिन इससे तनाव, चिंता और अवसाद जैसी मानसिक समस्याएं भी बढ़ी हैं। मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत रखने के लिए योग, ध्यान और संतुलित जीवनशैली अपनाना आवश्यक है।
कार्यशाला में हुए विचार-विमर्श...
कार्यशाला में विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, महाविद्यालयों के प्राचार्य, शिक्षक, शोधार्थी, सामाजिक संगठन के बुद्धिजीवी और छात्र उपस्थित थे। सभी ने डिजिटल युग में मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखने के उपायों पर गहन चर्चा की।
राज्यपाल के मुख्य संदेश...
- 21वीं सदी में जीवनशैली बदली है, पर प्रकृति के नियम समान हैं।
- एकल परिवारों की बढ़ती संख्या और संवाद की कमी से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है।
- मोबाईल और इंटरनेट की लत ने आपसी भावनात्मक जुड़ाव घटाया है।
- युवाओं को अपनी क्षमता के अनुसार कैरियर चुनना चाहिए और अनावश्यक प्रतिस्पर्धा से बचना चाहिए।
- ओवरथिंकिंग से बचें, मनोवैज्ञानिक सलाह लेने में संकोच न करें।
- योग, प्राणायाम, ध्यान, सात्विक भोजन जैसी भारतीय परंपराएं मानसिक-शारीरिक स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
विशेष वक्ता के विचार...
मनोवैज्ञानिक एवं मानसिक शक्ति फाउंडेशन मुंबई के संस्थापक डॉ. अमरेश श्रीवास्तव ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य सिर्फ व्यक्तिगत नहीं, बल्कि समाज की चेतना और शक्ति का परिचायक है। बढ़ते मानसिक तनाव को गंभीर समस्या मानते हुए उन्होंने शोध और जागरूकता की आवश्यकता पर बल दिया।
कार्यशाला का शुभारंभ और सम्मान...
कार्यशाला का स्वागत भाषण विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सच्चिदानंद शुक्ला ने दिया। आभार प्रदर्शन प्रो. अंबर व्यास ने किया। इस अवसर पर एमसीए छात्र शिवकुमार महोबिया और शोध छात्र अरुण कुमार पटेल को उत्कृष्ट नवाचार के लिए राज्यपाल ने सम्मानित किया।