राज्यपाल रमेन डेका ने लिया शहीद वीर नारायण सिंह जनजातीय संग्रहालय का जायजा, कहा — यह छत्तीसगढ़ की गौरवगाथा का डिजिटल दस्तावेज

अटल नगर, नवा रायपुर। राज्यपाल रमेन डेका ने आज आदिवासी अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान परिसर में निर्मित शहीद वीर नारायण सिंह जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी स्मारक सह-संग्रहालय का जायजा लिया।
राज्यपाल ने अधिकारियों को लोकार्पण की तैयारियों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और कहा कि यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ की जनजातीय गौरवगाथा को नई तकनीक के माध्यम से अमर करेगा।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी राज्योत्सव के अवसर पर देश के इस पहले डिजिटल जनजातीय संग्रहालय का लोकार्पण करेंगे।

राज्यपाल डेका ने परिसर में स्थापित आदिवासी संग्रहालय का भी अवलोकन किया, जहाँ प्रदेश की विभिन्न जनजातियों की संस्कृति, परंपरा, आभूषण, आजीविका और जीवन शैली को जीवंत रूप से प्रदर्शित किया गया है। उन्होंने संग्रहालय की सराहना करते हुए कहा कि “छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति असम की जनजातीय परंपराओं से गहराई से जुड़ी हुई है।”
डिजिटल संग्रहालय के अवलोकन के दौरान राज्यपाल ने एआई तकनीक से संचालित कियोस्क पर क्लिक कर अपनी जनजातीय फोटो निकलवाई और प्रधानमंत्री के साथ एआई आधारित वर्चुअल फोटो भी खिंचवाया।

अवलोकन के दौरान अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने संग्रहालय की विशेषताओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह संग्रहालय वीएफएक्स तकनीक, प्रोजेक्शन वर्क और रिसर्च पर आधारित है, जहाँ दर्शक छत्तीसगढ़ के जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और बलिदान को जीवंत अनुभव कर सकेंगे।
राज्यपाल डेका ने परिसर में ‘माँ के नाम’ पर महुआ का पौधा भी लगाया। इस अवसर पर उन्हें “आदि विद्रोह” पुस्तक और जनजातीय संस्कृति पर आधारित पेंटिंग भेंट की गई।

कार्यक्रम में राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के आयुक्त डॉ. सारांश मित्तर, तथा संस्थान की संचालक श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।



