वंदे भारत ट्रेन की स्पीड पर लगा फुल स्टॉप, कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कसा बीजेपी पर तंज…
प्राइवेट ट्रेन तेजस को चलाने वंदे भारत ट्रेन को बंद कर दिया गया...
ढोल नगाड़ा बजा करे वँदे भारत ट्रेन का स्वागत करने वाले भाजपाई अब बंद करने का विरोध क्यों नहीं करते…?
रायपुर। बिलासपुर से नागपुर तक चलने वाली वंदे भारत ट्रेन को बंद कर निजी ट्रेन तेजस को चलाने पर पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि बिलासपुर से नागपुर तक वंदे भारत ट्रेन जब शुरू किया गया उसी दौरान कांग्रेस पार्टी ने इसके महंगे टिकट को लेकर विरोध जताया था और टिकटों की दामों में कमी और स्टॉपेज बढ़ाने की मांग की थी लेकिन मोदी सरकार की हठधर्मिता के चलते वंदे भारत ट्रेन यात्रियों के लिए तरस गई और अब वंदे भारत ट्रेन को बंद कर मोदी सरकार प्राइवेट ट्रेन तेजस को बिलासपुर से नागपुर तब चलाने की शुरुआत कर रही है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि ढोल नगाड़ा बजाकर पटाखा फोड़ कर फूलों की वर्षा कर वंदे भारत ट्रेन की स्वागत करने वाले भाजपा के नेता अब वंदे भारत ट्रेन को बंद करने और उसकी जगह निजी ट्रेन तेजस को शुरू करने का विरोध क्यों नहीं करते है? प्रदेश में बीते 1 साल में 1000 से अधिक ट्रेनों को रद्द किया गया है स्थानीय स्तर पर चलने वाली लोकल ट्रेन सुपरफास्ट ट्रेन और एक्सप्रेस ट्रेन जो आम जनता की यात्रा का महत्वपूर्ण साधन था सस्ता साधन है वह तो ठीक से चला नहीं पा रहे हैं और कभी बंदे भारत ट्रेन की बात करते हैं और कभी तेजस ट्रेन की बात करते हैं।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश की जनता वर्षों से चली आ रही ट्रेनों में यात्रा करना पसंद करती हैं क्योंकि वह सस्ती है और सही समय पर गंतव्य तक पहुंचा देती हैं लेकिन मोदी सरकार जो निजी करण की हिमायती है वह हर क्षेत्र को निजी हाथों में सौंप कर गरीब और आम जनता को लूटना चाहती हैं।
महंगाई की मार झेल रही जनता अब ट्रेन बंदी के चलते भी हताश और परेशान हैं वंदे भारत ट्रेन के असफल होने के बाद मोदी सरकार प्राइवेट ट्रेन तेजस को चलाकर अपने पूंजीपति मित्रों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं प्रदेश की जनता मोदी के मुनाफाखोरी की नीति और मित्र प्रेम को समझ गए कि आखिरी एक साल से ट्रेन को रद्द क्यों किया जा रहा था ताकि जनता हताश और परेशान हो जाए और मोदी सरकार आसानी से रेलवे को निजी हाथों को सौंप सकें।