केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19,919 करोड़ रुपये की चार प्रमुख विकास परियोजनाओं को मंजूरी दी

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को बुनियादी ढांचे, औद्योगिक विस्तार और रणनीतिक उत्पादन क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से कुल 19,919 करोड़ रुपये की चार महत्वपूर्ण परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की। इसमें 7,280 करोड़ रुपये की दुर्लभ पृथ्वी स्थायी मैग्नेट निर्माण योजना शामिल है, जिसे इलेक्ट्रिक वाहन, नवीकरणीय ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र के लिए अहम माना जा रहा है। इसके अलावा पुणे मेट्रो विस्तार के लिए 9,858 करोड़ रुपये, देवभूमि द्वारका (ओखा)-कनालस रेलवे लाइन दोहरीकरण हेतु 1,457 करोड़ रुपये और बदलापुर-कर्जत तीसरी व चौथी रेलवे लाइन के लिए 1,324 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं।
दुर्लभ पृथ्वी स्थायी मैग्नेट निर्माण योजना पर मंत्रिमंडल की ओर से दी गई मंजूरी चीन के उत्पादन और निर्यात नियंत्रण के बढ़ते दबाव के बीच रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। चीन वर्तमान में वैश्विक स्तर पर 60 से 70 प्रतिशत दुर्लभ पृथ्वी कच्चे माल और लगभग 90 प्रतिशत प्रोसेसिंग क्षमता नियंत्रित करता है। नई योजना पहले प्रस्तावित 2,500 करोड़ रुपये के पैकेज की तुलना में तीन गुना बड़ी है।
सरकारी अधिकारियों के अनुसार यह अपनी तरह की पहली उत्पादन प्रोत्साहन योजना होगी, जिसके तहत सिंटर किए गए रेयर अर्थ परमानेंट मैग्नेट के लिए एकीकृत विनिर्माण श्रृंखला विकसित की जाएगी। इसमें ऑक्साइड को धातु में, धातु को मिश्रधातु में और अंततः मिश्रधातु को तैयार मैग्नेट में बदलने की संपूर्ण प्रक्रिया शामिल होगी। योजना की अवधि सात वर्ष तय की गई है, जिसमें विनिर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए दो वर्ष निर्धारित हैं। इसके तहत वार्षिक 1,000 मीट्रिक टन उत्पादन क्षमता सृजित किए जाने का लक्ष्य है।
भारत में इन तत्वों की बढ़ती मांग इलेक्ट्रिक वाहनों, स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन और रक्षा उपकरण निर्माण से प्रेरित है, जबकि तकनीकी विशेषज्ञता, उच्च लागत और पर्यावरणीय चुनौतियां उत्पादन विस्तार में बाधा बनी हुई हैं। सरकार का मानना है कि यह योजना आयात पर निर्भरता घटाने और घरेलू उद्योग को प्रतिस्पर्धी बनाने में सहायक होगी।
रिपोर्टों के अनुसार चीन द्वारा निर्यात नियंत्रण कठोर किए जाने के बाद भारत रेयर अर्थ मैग्नेट की स्वतंत्र आपूर्ति शृंखला विकसित करने की दिशा में तेज़ी से काम कर रहा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 2,270 टन रेयर अर्थ धातु और यौगिक आयात किए, जिनमें से 65 प्रतिशत से अधिक चीन से आए थे। सरकार भविष्य में वैकल्पिक प्रौद्योगिकियां विकसित करने के लिए भी शोध को प्रोत्साहन दे रही है।
केंद्र का मानना है कि नई परियोजनाएं न केवल आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियों को मजबूत करेंगी, बल्कि रणनीतिक क्षेत्रों में आत्मनिर्भरता बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।



