जशपुर दर्शन 2025 की शुरुआत — प्राकृतिक सुंदरता और जनजातीय संस्कृति को मिलेगी नई पहचान

जशपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जशपुर जिले को पर्यटन और जनजातीय संस्कृति के केंद्र के रूप में विकसित करने के प्रयास तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जिले की प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने एक अभिनव पहल — “जशपुर दर्शन 2025” की शुरुआत की है।
शुक्रवार को आयोजित कार्यक्रम में जशपुर कलेक्टर रोहित व्यास, विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत उपाध्यक्ष यश प्रताप सिंह जूदेव, नगर पालिका अध्यक्ष अरविंद भगत और जनपद पंचायत अध्यक्ष गंगाराम भगत ने जशपुर पुरातत्व संग्रहालय परिसर से पर्यटन वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
जशपुर दर्शन से खुलेंगे पर्यटन के नए द्वार...
“जशपुर दर्शन 2025” के माध्यम से पर्यटकों को जिले की प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को करीब से जानने का अवसर मिलेगा। इस पहल का उद्देश्य स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार सृजन के साथ-साथ जिले की पहचान को पर्यटन मानचित्र पर मजबूत करना है।

कार्यक्रम की शुरुआत में समर्थ आवासीय दिव्यांग प्रशिक्षण केंद्र के विद्यार्थियों को पहले चरण की यात्रा कराई गई, जिससे उन्हें जिले के प्रमुख पर्यटन स्थलों का अनुभव मिल सके।
10 से 15 अक्टूबर तक चलेगा ‘जशपुर दर्शन 2025’
यह विशेष पर्यटन अभियान 10 से 15 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। इस एक दिवसीय यात्रा में पर्यटक निम्न प्रमुख स्थलों की सैर कर सकेंगे:
- मधेश्वर पहाड़ – जिसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग के रूप में दर्ज किया गया है।
- रानीदाह जलप्रपात
- जशपुर पुरातत्व संग्रहालय
- शारदा धाम, देशदेखा, मयाली वाटर स्पोर्ट्स, सारूडीह चाय बगान, और गुल्लू जलप्रपात
पर्यटकों के लिए किफायती पैकेज...
पर्यटकों की सुविधा के लिए प्रशासन ने बेहद आकर्षक पैकेज तैयार किया है।
- व्यक्तिगत टिकट शुल्क: ₹1000 प्रति व्यक्ति
- पूर्ण वाहन बुकिंग शुल्क: ₹5000 प्रति वाहन
बुकिंग और विस्तृत जानकारी के लिए इच्छुक पर्यटक मोबाइल नंबर +91-9329074651 पर संपर्क कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री की पहल से जशपुर बनेगा नया पर्यटन हब...
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल से जशपुर की जनजातीय परंपरा, सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक संपदा को नई दिशा मिल रही है। यह न केवल जिले को पर्यटन के मानचित्र पर एक नए गंतव्य के रूप में स्थापित करेगा, बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए आजीविका के नए अवसर भी खोलेगा।



