आबकारी उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा ने दिखाई हरी झंडी…!! खबर लगाने के बावजूद नही हो रही कार्रवाई…

रायपुर। छत्तीसगढ़ के खजाने को भरने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले आबकारी विभाग में जब से रायपुर की कमान रामकृष्ण मिश्रा ने संभाला है तब से राजधानी रायपुर में ओवर रेटिंग की कमर ही टूट गई है। लेकिन यह ओवर रेटिंग सिर्फ दिखवे के लिए बंद किया गया है। आज भी राजधानी के कई ऐसे शराब दुकान हैं जहां ओवर रेटिंग की जा रही है और अपने साथ साथ अधिकारियों व कंपनी के कर्मचारियों के जेब गर्म किया जा रहे हैं।
विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आबकारी उपयुक्त रामकृष्ण मिश्रा वेबसाइट में लगे खबरों को इतना महत्व नहीं देते शायद यही कारण है की वेबसाइट में लगे खबरों पर वह कोई कड़ा एक्शन नहीं लेते हैं। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रामकृष्ण मिश्रा का मानना है कि वेबसाइट संचालक सिर्फ और सिर्फ अवैध उगाही के लिए खबर लगते हैं। वही शायद आज का यह वीडियो आबकारी अधिकारी रामकृष्ण मिश्रा की सोच को बदल सके।
बता दी की राजधानी रायपुर के लाभांडी स्थित आबकारी भवन से लगे प्रीमियम शराब दुकान का यह वीडियो है जो आज हमारे द्वारा ही बनाई गई है दोपहर के करीब 3 से 3.30 बजे का यह पूरा मामला है जहां पर आबकारी विभाग की नियमों की धज्जियां खुले आम उड़ाई जा रही है। आबकारी अधिकारी आशीष सिंह के अधीनस्थ आने वाले इस दुकान का प्रतिनिधित्व सुपरवाइजर जितेंद्र टंडन के द्वारा किया जाता है सुपरवाइजर जितेंद्र टंडन की निगरानी में या पूरा दुकान है और उनके ही कहने पर उनके अन्य साथी कर्मचारियों द्वारा प्रतिदिन तय मात्रा से अधिक मात्रा में आम जनता को शराब परोसी जा रही थी। जिसकी शिकायत मिलने के बाद आज जब हमने इसकी पड़ताल की तो इस शिकायत को सही माना पहले तो दुकान का सेल्समेन हमें नियम कानून की पाठ पढ़ा रहा था फिर अधिक पैसों की लालच में पूरे नियम कानून जस के तस धरे रह गए। विशेष सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर के इस प्रीमियम शराब दुकान से प्रतिदिन बार के कर्मचारियों द्वारा अधिक दर पर अधिक मात्रा में शराब खरीदा जाता है और दुकान कर्मचारी ऐसे ही अधिक दर पर अधिक मात्रा में शराब बेचते हैं।
आबकारी नियमों की माने तो एक व्यक्ति को एक समय में शराब की एक बोतल दो अद्धी या चार पाव तक ही देने का प्रावधान है। वही जब हमने दुकान के सेल्समैन से 12 तक बुडवेसर बियर की मांगी तो पहले उसने हमें नियम कानून बताएं फिर बाद में 200 रुपए की लालच में पूरे नियम कानून बदल गए 12 नग बोतल धड़ाधड़ फ्रीजर से निकले और हमें थमा दिए गए। 12 नग बटवाइजर का शासकीय 3 हज़ार रुपए होता है। एक बीयर की बोतल 250 रुपए की आती है। तो वही दुकान के इस कर्मचारी ने हमसे 3200 रुपए में 12 नाग बटवाइजर की बियर को दिया। विभागीय अधिकारियों को अगर हमारे इस वीडियो पर जरा भी संदेह है तो लाभांडी के इस प्रीमियम शराब की दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज भी चेक कर सकते हैं।

वही जब हमने इस खबर के बाद विभागीय अधिकारियों से संपर्क करनी चाही तो नहीं आबकारी उपायुक्त रामकृष्ण मिश्रा जी के द्वारा हमारा फोन उठाया गया ना ही हमारे मैसेज का कोई जवाब दिया गया ठीक इसी तरह का हाल आबकारी अधिकारी आशीष सिंह का भी था खबर के बाद जब हमने उनसे इस खबर पर अपडेट चाहा तो उन्होंने हमारा फोन तक उठाना जरूरी नहीं समझा और ना ही हमारे मैसेज को देखकर हमें रिप्लाई करना जरूरी समझा अब इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभागीय अधिकारी अपने कार्य के प्रति कितने जागरूक हैं और ऐसे ओवर रेटिंग करने वाले कर्मचारियों पर किस तरीके की कार्रवाई करते होंगे।