डुमरबहाल में चेक डेम बना वरदान: खेतों में लौटी हरियाली, बढ़ा भू-जल स्तर

गरियाबंद। जिले के ग्राम पंचायत डुमरबहाल में मनरेगा के तहत बनाए गए चेक डेम ने किसानों की किस्मत बदल दी है। पहले जहां गांव के खेत बंजर पड़े रहते थे और गर्मियों में पानी की भारी किल्लत रहती थी, वहीं अब खेतों में हरियाली लौट आई है और भू-जल स्तर में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
डुमरबहाल ग्राम जनपद पंचायत देवभोग से 12 किलोमीटर और जिला मुख्यालय से 142 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। करीब 2400 की आबादी और 1421 एकड़ क्षेत्रफल वाले इस गांव में अधिकांश लोग खेती-किसानी पर निर्भर हैं। लेकिन पानी की कमी के चलते किसान अपनी फसलों से अपेक्षित उपज नहीं ले पा रहे थे।
ग्राम सभा में ग्रामीणों को बताया गया कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत चेक डेम निर्माण कराया जा सकता है, जिससे वर्षा का पानी संग्रहित होगा और सिंचाई के लिए उपयोग किया जा सकेगा। ग्रामीणों की सहमति से आवेदन तैयार किया गया और ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पर जिला पंचायत से प्रशासकीय स्वीकृति मिली।
तकनीकी सहायक द्वारा खेत में 10 मीटर लंबा, 2 मीटर चौड़ा और 1.5 मीटर गहरा ले-आउट तैयार किया गया। श्रमिकों के श्रम से निर्माण कार्य शुरू हुआ और कुछ ही समय में डेम बनकर तैयार हो गया।
अब गांव में निस्तारी के लिए पर्याप्त जल उपलब्ध है, भू-जल स्तर बढ़ा है और किसानों को सिंचाई में राहत मिली है। बारिश का पानी अब बेकार बहने के बजाय डेम में संरक्षित रहता है, जिससे फसलों को सूखे के दिनों में भी नमी मिलती है। ग्रामीणों का कहना है कि चेक डेम से अब गांव की खेती दोहरी उपज देने लगी है और जल संरक्षण का संदेश भी फैल रहा है।