राज्यसभा के बीच बड़ा झटका… उपराष्ट्रपति ने छोड़ा पद…

नई दिल्ली। भारत के 14वें उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई की रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपा। उनका कार्यकाल 10 अगस्त 2027 तक था।
74 वर्षीय धनखड़ ने अपने त्यागपत्र में लिखा...
“स्वास्थ्य की प्राथमिकता और डॉक्टरी सलाह का पालन करते हुए मैं भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से त्यागपत्र दे रहा हूं।”

उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद को उनके सहयोग के लिए आभार भी जताया। हालांकि, उनका इस्तीफा राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही आधिकारिक रूप से प्रभावी होगा।
2022 में बने थे उपराष्ट्रपति, विपक्ष की उम्मीदवार को दी थी मात...
धनखड़ ने 11 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। चुनाव में उन्होंने विपक्ष की उम्मीदवार मार्गरेट अल्वा को हराया था। उन्हें कुल 528 वोट मिले थे, जबकि अल्वा को 182 वोट प्राप्त हुए थे।
सत्र के बीच इस्तीफा देने वाले पहले उपराष्ट्रपति...
इस समय संसद का मानसून सत्र जारी है, और धनखड़ राज्यसभा के सभापति पद पर भी थे। ऐसे में सत्र के बीच पद छोड़ने वाले वे देश के पहले उपराष्ट्रपति बन गए हैं। इसके अलावा, वे अब तक के तीसरे ऐसे उपराष्ट्रपति हैं जिन्होंने कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया हो।
अब कौन होगा अगला उपराष्ट्रपति?
धनखड़ के इस्तीफे के बाद नए उपराष्ट्रपति को लेकर अटकलें शुरू हो गई हैं। बिहार से JDU सांसद हरिवंश संभावित उम्मीदवारों में शामिल माने जा रहे हैं। वे 2020 से राज्यसभा के उपसभापति हैं, लेकिन उनका कार्यकाल भी इसी महीने समाप्त हो रहा है।
यदि उपराष्ट्रपति का पद खाली हो जाता है, तो अनुच्छेद 91 के तहत राज्यसभा का उपसभापति सभापति के रूप में कार्य करेगा, लेकिन वह उपराष्ट्रपति नहीं माना जाएगा क्योंकि संविधान में कार्यवाहक उपराष्ट्रपति की कोई व्यवस्था नहीं है।
संवैधानिक व्यवस्था क्या कहती है?
राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में उनका कार्यभार उपराष्ट्रपति संभालते हैं। लेकिन अगर दोनों पद खाली हों, यानी राष्ट्रपति विदेश यात्रा पर हों और उपराष्ट्रपति न हो, तो मुख्य न्यायाधीश (CJI) को कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी दी जाती है।
संविधान में यह स्पष्ट नहीं है कि उपराष्ट्रपति का पद खाली होने पर कितने समय के भीतर चुनाव कराना अनिवार्य है।