Cyclone: फेंगल से तमिलनाडु-पुडुचेरी में बाढ़ का कहर, पांच की मौत; केरल-कर्नाटक में अब भी भारी बारिश की चेतावनी
पुडुचेरी। चक्रवाती तूफान फेंगल ने तमिलनाडु और पुडुचेरी में भारी तबाही मचाई है। इसके प्रभाव से पिछले दो-तीनों में हुई मूसलाधार बारिश से कई इलाकों में बाढ़ आ गई है। उत्तरी तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में सड़कों और घरों में फानी भर गया है। तिरुवन्नामलाई जिले में एक घर के भूस्खलन की चपेट में आने से पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग अभी लापता हैं, जिनकी तलाश में एनडीआरएफ की टीम जुटी है। मुख्यमंत्री एमकी स्टालिन ने कहा है कि इस प्राकृतिक आपदा से 69 लाख परिवार और 1.5 लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से 2000 करोड़ रुपये जारी करने का अनुरोध किया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में स्टालिन ने कहा कि उक्त धनराशि से राज्य को क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे और आजीविका की अस्थायी बहाली में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा है कि चक्रवाती तूफान सेस राज्य के 14 जिलों में भारी तबाही हुई है। शुरुआत में इससे तंजावुर, तिरुवरूर, नागपट्टिनम और मायीलदुथुरई जिलों में भारी बारिश हुई। इसके बाद चेन्नई, थिरुवल्लुर, कांचीपुरम, चेंगलपट्टू और विल्लुपुरम में अत्यधिक बारिश हुई। 1 दिसंबर को जब फेंगल तट से टकराया तो उसके बाद विल्लुपुरम, कलाकुरिची, कुड्डालोर और तिरुवन्नामलाई जिलों में सड़कों के साथ ही बिजली लाइनों को भारी नुकसान पहुंचा क्योंकि हवा की रफ्तार 90 किमी प्रति घंटा तक पहुंच गई थी।
भूस्खलन के बारे में तिरुवन्नामलाई के जिला कलेक्टर डी भास्कर पांडियन ने बताया था कि स्थानीय लोगों ने मलबे में दबे घर में पांच बच्चों समेत सात लोगों के होने की आशंका जताई है। उन्होंने यह भी कहा कि घर पहाड़ी की तलहटी में था और 1 दिसंबर को भारी बरसात के कारण ऊपर से गिरे बड़े-बड़े पत्थरों की चपेट में आ गया। उन्होंने पहाड़ी से भूस्खलन की आशंका भी जताई थी। पांडियन ने यह भी बताया कि इलाके से 50 से 80 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। शाम तक बचाव दलों ने मलबे से पांच शव निकाल लिए थे और दो की तलाश जारी थी।
नदी में उफान से सड़कों पर भरा पानी
थेनपेन्नई नदी में उफान से विल्लुपुरम और कुड्डालोर जिले में बाढ़ आ गई है। सड़कों पर दो फीट तक पानी भर गया है। अरकंदनल्लुर समेत कुछ इलाकों में घरों, विशेष रूप से टाइल वाले मकान, लगभग जलमग्न हो गए हैं और जल स्तर 4 फीट से अधिक बढ़ गया है। कई इलाकों में पेड़ उखड़कर सड़कों पर गिर गए हैं जिससे यातायात बुरी तरह बाधित हुआ है। सड़कों को साफ करने के लिए युद्ध स्तर पर काम चल रहा है।
पश्चिम तमिलनाडु में दो दशक भी भीषण बाढ़
पश्चिम तमिलनाडु में कृष्णागिरी और धर्मपुरी जिलों के कुछ हिस्सों में भी पिछले दो दशकों में अभूतपूर्व बाढ़ देखी गई। 2 दिसंबर को सुबह 8.30 बजे से पहले 24 घंटे के दौरान कृष्णागिरि जिले के उथंगराई में 50 सेमी, विल्लुपुरम जिले में 42 सेमी और धर्मपुरी के हरुर में 33 सेमी बारिश हुई है। कुड्डालोर और तिरुवन्नामलाई में 16 सेमी वर्षा दर्ज किया गया।
कार समेत कई वाहन बहे
बाढ़ के पानी में कार और वैन सहित कई वाहन उथंगराई की सड़क से निचले इलाके में बह गए, जिससे लोग सदमे में आ गए हैं। ज्यादातर वाहन स्थानीय टूर ऑपरेटरों के थे। भारी बाढ़ के कारण उथंगराई से कृष्णागिरि और तिरुवन्नामलाई जैसे शहरों तक सड़क के रास्ते पहुंचना मुश्किल हो गया है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इलाके में अभी भी फेंगल का कुछ प्रभाव बना हुआ है और इसी की वजह से भारी बारिश हुई है।
रेल सेवा बंद, बस सेवा चरमराई
विल्लुपुरम में विक्रावंडी और मुंडियामपक्कम के बीच एक मुख्य पुल पर पानी खतरे के स्तर से ऊपर बढ़ने के कारण, दक्षिणी रेलवे ने सोमवार सुबह उस प्रमुख हिस्से में परिचालन निलंबित कर दिया। इसके चलते कई ट्रेनें रद्द हो गईं, कई ट्रेनों के मार्ग बदलने पड़े और कुछ को रास्ते में ही रोक दिया गया। इनमें एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनें शामिल थीं। इसकी वजह से यात्री बसों पर टूट पड़े, नतीजतन विल्लुपुरम के आसपास चेन्नई-तिरुचिरापल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अफरा-तफरी मच गई। यह राजमार्ग पर बाढ़ का पानी भरने से पहले ही यातायात प्रभावित था।
फेंगल से केरल-कर्नाटक में भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवाती तूफान फंगल अभी उत्तरी तमिलनाडु में दबाव के रूप में स्थिर है। 3 दिसंबर को उत्तरी केरल और कर्नाटक होते हए इसके अरब सागर मं जाने की संभावना है और तब यह गहरे दबाव में बदल जाएगा। इसके प्रभाव से उत्तरी केरल और कर्नाटक में भारी बारिश होने की संभावना है। आईएमडी ने उत्तरी केरल के पांच जिलों-कासरगोड, कन्नूर, वायनाड, कोझीकोड और मलप्पुरम में अगले दो दिन भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। कासरगोड जिला प्रशासन ने आंगनवाड़ी और मदरसा समेत सभी शैक्षणिक संस्थानों में मंगलवार को छुट्टी की घोषणा की है। बंगलूरू और आसपास के इलाकों में भी अगले दो दिन भारी बारिश होने की संभावना है।