कुमारी शैलजा पर कांग्रेस का आशीर्वाद कायम, हरियाणा के सिरसा से बनाया उम्मीदवार

हरयाणा। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेताओं द्वारा लगाए गए तमाम गंभीर आरोपों के बावजूद कुमारी शैलजा पर पार्टी का आशीर्वाद बना हुआ है। उन्हें कांग्रेस ने हरयाणा के सिरसा से टिकट दे दिया है। बता दें कि, कांग्रेस महासचिव और छत्तीसगढ़ की पूर्व प्रभारी कुमारी शैलजा की अध्यक्षता में पार्टी की विधानसभा चुनाव में करारी हार हुई थी। भूपेश बघेल से भी उनकी अनबन की खबरें आ रही था। यही वजह थी कि, राज्य में इस हार के बाद उन्हें आलाकमान ने छत्तीसगढ़ से हटाकर उत्तराखंड भेज दिया था। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुआव में उनपर पैसे लेकर टिकट देने तक के गंभीर आरोप उनके ही पार्टी के नेता ने लगाए थे।
कुमारी सैलजा 4 बार बन चुकीं सांसद
कुमारी सैलजा पहली बार 1991 में हरियाणा सी सिरसा सीट से सांसद बनीं। उसके बाद 1996, 2004 और 2009 में लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंची। सैलजा 1991 और 1996 में सिरसा सीट से चुनी गईं जबकि 2004 और 2009 में उन्होंने अंबाला सीट से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीता। सैलजा ने अंबाला सीट पर दो बार बीजेपी के पुराने नेता रतनलाल कटारिया को हराया है।
सैलजा के पिता भी रह चुके हैं 4 बार सांसद
बता दें कि, कुमारी सैलजा का जन्म हरियाणा के हिसार जिले में ही हुआ है। उनके पिता चौधरी दलबीर सिंह भी कांग्रेस के बड़े नेता रहे हैं। दलबीर सिंह हरियाणा की सिरसा लोकसभा सीट से 1967, 1971, 1980 और 1984 में लोकसभा के सांसद रह चुके है। वो इंदिरा गांधी सरकार में केंद्र में मंत्री भी रहे। सैलजा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी, नई दिल्ली से की है। उसके बाद उन्होंने पंजाब विश्वविद्यालय में दाखिला लिया और अपनी मास्टर डिग्री हासिल की। गांधी परिवार से उनकी नजदीकी और उनकी निष्ठां ने उन्हें हमेशा फायदा पहुंचाया है। यहीं वजह है कि, तमाम शिकायतों के बाद भी आलाकमान का आशिर्वाद अब भी उनपर कायम है।