उत्तराखंड में बादल फटा, गांव बहा – राहत कार्य में जुटी टीमें, हिमाचल में भी तबाही…

देहरादून/शिमला| उत्तर भारत में मानसून का कहर जारी है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में मूसलधार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। मंगलवार को उत्तरकाशी जिले के धराली क्षेत्र में बादल फटने की भयानक घटना सामने आई, जिसमें एक पूरा गांव तेज बहाव की चपेट में आ गया। कई लोगों के लापता होने की आशंका जताई जा रही है।
धराली में मचा हाहाकार, गांव बहा...
उत्तरकाशी के हर्षिल घाटी में स्थित धराली गांव के पास खीर गाड़ नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया, जिससे इलाके में भारी तबाही मच गई। बादल फटने से नदी में आई बाढ़ ने कई घरों और ढांचों को बहा दिया। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में बाढ़ के साथ बहते घर और मलबा देखे जा सकते हैं।
पुलिस, एसडीआरएफ, सेना और प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर मौजूद हैं और रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। उत्तराखंड पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों के किनारे न जाएं और बच्चों व मवेशियों को भी दूर रखें।
राज्यभर में बारिश से तबाही...
राज्य के कई हिस्सों में बारिश से लैंडस्लाइड और जलभराव के हालात हैं। रुद्रप्रयाग में भूस्खलन के कारण दो दुकानें मलबे में दब गईं। वहीं हल्द्वानी के पास एक व्यक्ति नदी के बहाव में बह गया और भुजियाघाट में दो लोगों की मौत हो चुकी है।
बद्रीनाथ हाईवे पर हनुमान चट्टी पुल का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया है, जिससे आवाजाही पर असर पड़ा है। राज्यभर में कुल 83 सड़कें बंद हो चुकी हैं, जिनमें कई राष्ट्रीय राजमार्ग और ग्रामीण सड़कों का भी नाम है।
सीएम धामी का बयान, राहत कार्य तेज...
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार हरसंभव मदद कर रही है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन राहत व बचाव कार्य में लगे हुए हैं। सेना की टुकड़ियां भी मौके पर तैनात की जा चुकी हैं।
हिमाचल में भी हालात गंभीर...
उधर, हिमाचल प्रदेश में भी लगातार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। कई मकान और सड़कें बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। प्रशासन अलर्ट मोड पर है और लोगों से अपील कर रहा है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और अनावश्यक रूप से बाहर न निकलें।
सरकार की अपील: सुरक्षित रहें, सहयोग करें...
दोनों राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी है। प्रशासन ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे मौसम संबंधी चेतावनियों का पालन करें, नदियों व नालों के किनारे न जाएं और आपात स्थिति में हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क करें।



