बैलगाड़ी, लोकनृत्य और छत्तीसगढ़ी व्यंजनों संग मनाया गया ‘पोरा तिहार’, लोककला और व्यंजनों ने बढ़ाई रौनक…

रायपुर। छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्यौहार पोरा तिहार आज कृषि मंत्री रामविचार नेताम के निवास पर पारंपरिक उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। इस मौके पर राज्यपाल रमेन डेका भी पहुंचे और विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों को पोरा तिहार की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि “पोरा तिहार छत्तीसगढ़ की ग्रामीण संस्कृति और कृषि जीवन का अभिन्न हिस्सा है।”
पूजा-अर्चना और शुभकामनाएं...
कार्यक्रम की शुरुआत कृषि मंत्री नेताम और उनकी धर्मपत्नी पुष्पा नेताम ने भगवान शिव-पार्वती एवं नांदिया-बैला की पूजा से की। उन्होंने प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर कृषि मंत्री ने कहा कि “पोरा तिहार किसानों और पशुप्रेम का पर्व है। इसके बाद तीजा आता है, जो सुहागिनों के लिए सबसे बड़ा त्यौहार है।”
उन्होंने बताया कि “राज्य सरकार महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के लिए महतारी वंदन योजना के तहत हर माह महिलाओं को आर्थिक सहयोग प्रदान कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास की दिशा में कार्य कर रही है।”
नेताओं की मौजूदगी और संबोधन...
इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव, तकनीकी शिक्षा मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े, पूर्व राज्यपाल रमेश बैस सहित कई जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि “पोरा तिहार सामाजिक एकता और परंपरा का पर्व है, जिसे हमारे साथी मंत्री रामविचार नेताम ने सबको एक साथ जोड़कर खास बना दिया है।”
लोक रंग और छत्तीसगढ़ी स्वाद का संगम...
कृषि मंत्री निवास को विशेष रूप से ग्रामीण परिवेश में सजाया गया था। बैलगाड़ी, नांदिया-बैला, मिट्टी के खिलौने और पारंपरिक बर्तनों से सुसज्जित माहौल ने ग्रामीण अंचल की असली छवि प्रस्तुत की। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। वहीं आगंतुकों ने ठेठरी, खुरमी, अइरसा, गुलगुला, भजिया, चीला और फरा जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का आनंद लिया।