आधी आबादी बनी छत्तीसगढ़ की ताकत – साय सरकार ने गढ़ी महिला सशक्तिकरण की नई मिसाल

छत्तीसगढ़ हमेशा से स्त्री-पुरुष समानता की मिसाल रहा है, लेकिन आर्थिक मोर्चे पर महिलाओं को पुरुषों से पीछे माना जाता रहा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार बनने के बाद यह तस्वीर तेजी से बदल रही है। अब प्रदेश की हर माँ और बहन अपनी जरूरतों का फैसला खुद ले पा रही है।
महतारी वंदन योजना – आर्थिक स्वावलंबन की नींव...
1 मार्च 2024 से लागू इस योजना ने महिलाओं के जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है।
- विवाहित महिलाओं को हर महीने 1,000 रुपए सीधे बैंक खाते में मिल रहे हैं।
- मार्च 2024 से सितंबर 2025 तक 69 लाख से अधिक महिलाओं को 12,376 करोड़ रुपए का लाभ दिया जा चुका है।
- महिलाओं की आत्मनिर्भरता, पोषण और बुनियादी जरूरतें पूरी करने में यह योजना मील का पत्थर साबित हो रही है।

महिलाओं के सामुदायिक विकास के लिए 179 महतारी सदन भी बनाए जा रहे हैं, जहाँ प्रशिक्षण और बैठक की सुविधा होगी।
स्वरोजगार और उद्यमिता को नई उड़ान...
साय सरकार महिलाओं को केवल भत्ता नहीं, बल्कि उद्यमिता के अवसर भी दे रही है।
- मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना : 18-50 वर्ष की महिला श्रमिकों को सिलाई मशीन के लिए 7,900 रुपए।
- दीदी ई-रिक्शा योजना : पंजीकृत श्रमिक महिलाओं को 1 लाख रुपए की अनुदान राशि।
- मिनीमाता महतारी जतन योजना : गर्भवती श्रमिकों को पौष्टिक आहार हेतु 20,000 रुपए।
- नोनी सशक्तिकरण योजना : 18-21 वर्ष की अविवाहित पुत्रियों के लिए 20,000 रुपए।
- महतारी शक्ति ऋण योजना : बिना जमानत 25,000 रुपए का ऋण।
- सक्षम योजना : 2 लाख तक का ऋण, सिर्फ 3% ब्याज पर।
इसके साथ ही एनआरएलएम मिशन, लखपति महिला और ड्रोन दीदी जैसी पहलें भी ग्रामीण महिलाओं को नई पहचान दिला रही हैं।
सुरक्षा और शिक्षा पर भी जोर...
- नवाबिहान योजना : घरेलू हिंसा पीड़ित महिलाओं को कानूनी, चिकित्सा और आश्रय की सुविधा।
- सखी वन-स्टॉप सेंटर : 27 जिलों में 24×7 मदद।
- महिला हेल्पलाइन 181 और डायल 112 से तुरंत सहायता।
- शुचिता योजना : 2,000 स्कूलों में नैपकिन वेंडिंग मशीनें और 3 लाख से अधिक किशोरियों को स्वच्छता सामग्री।
- साइकिल वितरण योजना : हाई स्कूल छात्राओं को सशक्त बनाने के लिए 50 करोड़ रुपए का प्रावधान।
‘वोकल फॉर लोकल’ की दिशा में बड़ा कदम...
नवा रायपुर में 200 करोड़ की यूनिटी मॉल परियोजना और जशप्योर ब्रांड जैसी पहलें महिला समूहों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिला रही हैं।
बजट में बड़ा प्रावधान...
महिला एवं बाल विकास विभाग को वित्तीय वर्ष 2025-26 में 8,245 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का कहना है कि
महिला सशक्तिकरण केवल घोषणाओं से नहीं, बल्कि धरातल पर बदलाव से संभव है।

वहीं मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के अनुसार सरकार की प्राथमिकता है कि हर योजना का लाभ पात्र महिलाओं तक समय पर और पारदर्शी ढंग से पहुँचे।