Chhattisgarh Rajyotsav 2025: उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बस्तर में जिला स्तरीय राज्योत्सव समारोह का किया उद्घाटन

जगदलपुर। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बस्तर जिला मुख्यालय में Chhattisgarh Rajyotsav 2025 का भव्य शुभारंभ किया। राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित इस समारोह में उन्होंने जिले के विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए आकर्षक स्टालों का अवलोकन किया और ‘आमचो बस्तर हाट’ कियोस्क का उद्घाटन करते हुए Kalagudi Catalog का विमोचन भी किया। इस मौके पर स्थानीय कलाकारों की प्रस्तुति ने माहौल को और भी जीवंत बना दिया।

राज्य के 25 वर्षों की गौरवगाथा
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अरुण साव ने कहा कि देवी दंतेश्वरी की पवित्र धरती से आज जब हम Chhattisgarh Rajyotsav मना रहे हैं, तो यह गर्व का विषय है कि राज्य ने 25 वर्षों में विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के दूरदृष्टि भरे निर्णय से जन्मे इस राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, उद्योग और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।

उन्होंने आगे कहा कि राज्य की नई पहचान अब केवल प्राकृतिक संसाधनों या सांस्कृतिक विरासत से नहीं, बल्कि तेज़ी से हो रहे आर्थिक विकास और नवाचार से भी है। Chhattisgarh Development Model अब पूरे देश के लिए प्रेरणा बन रहा है।
बस्तर की पहचान बदल रही है
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अब नक्सल प्रभावित इलाक़ा नहीं, बल्कि Bastar Tourism Hub बनता जा रहा है। सुरक्षा बलों की मेहनत और शासन की नीतियों से दुर्गम क्षेत्रों में शांति स्थापित हुई है। उन्होंने कहा कि आज बस्तर की कला, संस्कृति और हस्तशिल्प देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है।

उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य हर गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। उद्योग और पर्यटन के साथ-साथ बस्तर की प्राकृतिक सुंदरता अब रोजगार सृजन का केंद्र बन रही है।
छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव की झलक
समारोह में उपस्थित जनप्रतिनिधियों और नागरिकों ने भी Chhattisgarh Silver Jubilee Celebration की भव्यता की सराहना की। इस अवसर पर बस्तर जिला पंचायत की अध्यक्ष वेदवती कश्यप, उपाध्यक्ष बलदेव मंडावी और नगर निगम सभापति ने लोगों को राज्योत्सव की शुभकामनाएँ दीं।
कार्यक्रम में संभागायुक्त डोमन सिंह, आईजी सुंदरराज पी., कलेक्टर हरीश एस. और जिला पंचायत सीईओ प्रतीक जैन सहित कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। मंच से स्थानीय कलाकारों की लोकनृत्य प्रस्तुति ने बस्तर की संस्कृति को नई ऊर्जा से भर दिया।



