छत्तीसगढ़ सरकार की नियद नेल्लानार योजना से बस्तर में विकास और शांति की नई उम्मीद

नारायणपुर, बस्तर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शुरू की गई नियद नेल्लानार योजना ने बस्तर के सुदूर और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की नई किरण जलाई है। इस योजना के तहत सुरक्षा कैंपों के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी, सड़क और अन्य बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित की जा रही हैं।
नक्सल पुनर्वास और सामाजिक एकीकरण...
सरकार ने नक्सल पुनर्वास नीति को प्रभावी बनाते हुए, माओवादी आत्मसमर्पण कार्यक्रम शुरू किया है। नियद नेल्लानार और सुरक्षा बलों की रणनीति से 2025 में अब तक 164 माओवादी कैडर ने आत्मसमर्पण किया है। हाल ही में 16 माओवादी (जनताना सरकार सदस्य, पंचायत मिलिसिया डिप्टी कमांडर, पंचायत सरकार सदस्य, पंचायत मिलिसिया सदस्य और न्याय शाखा अध्यक्ष) ने नारायणपुर पुलिस अधीक्षक श्री रोबिनसन गुरिया के समक्ष हथियार छोड़कर समाज की मुख्य धारा में जुड़ने की शपथ ली।

आत्मसमर्पित माओवादी नक्सलियों को 50-50 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के चेक प्रदान किए गए और उन्हें नक्सल उन्मूलन नीति के तहत सभी प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
नक्सलियों का खुलासा...
आत्मसमर्पित नक्सलियों ने इंट्रोगेशन में खुलासा किया कि शीर्ष माओवादी नेता आदिवासियों के वास्तविक दुश्मन हैं। झूठे समानता और न्याय के सपने दिखाकर वे आदिवासियों को अपने नियंत्रण में रखते हैं। नक्सलियों के छोटे कैडर स्थानीय स्तर पर हथियार, राशन, मेडिसिन और आईईडी जैसी सामग्री का परिवहन करने का कार्य करते हैं।
पुलिस और प्रशासन का संदेश...
नारायणपुर एसपी रोबिनसन गुरिया ने कहा कि दुर्गम जंगलों में रहने वाले आदिवासियों को नक्सलवादी विचारधारा से दूर रखना और उन्हें समाज की मुख्य धारा में लाना हमारा मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने सभी नक्सलियों से अपील की कि वे हथियार छोड़ें और शासन की आत्मसमर्पण पुनर्वास नीति अपनाकर समाज के साथ जुड़ें।

पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने कहा कि 2025 में माओवादी संगठनों के शीर्ष नेतृत्व को सुरक्षा बलों द्वारा भारी क्षति पहुंचाई गई है। अब माओवादी संगठनों के पास हिंसा छोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। सरकार और सुरक्षा बल शांति और विकास सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं।