छत्तीसगढ़ में मातृ स्वास्थ्य को लेकर विशेष अभियान – “छत्तीसगढ़ की महतारी, हम सबकी जिम्मेदारी”

रायपुर। देशभर में 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक चल रहे स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में भी स्वास्थ्य विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग और यूनिसेफ ने संयुक्त रूप से “छत्तीसगढ़ की महतारी, हम सबकी जिम्मेदारी” नामक विशेष अभियान की शुरुआत की है। शुक्रवार को इस अभियान को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।
स्वास्थ्य मंत्री ने साझा किया लक्ष्य...
कार्यशाला के पहले दिन स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि “मां संपूर्ण सृष्टि का आधार है, प्रसव के दौरान किसी भी माता की मृत्यु हम सबके लिए बेहद दुखद है।” उन्होंने बताया कि राज्य गठन के समय मातृ मृत्यु दर 365 थी, जो अब घटकर 141 पर पहुंच गई है। इसी तरह शिशु मृत्यु दर भी 79 से घटकर 38 हो गई है।
उन्होंने कहा –
हमारा लक्ष्य आने वाले वर्षों में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को शून्य करना है। स्वस्थ छत्तीसगढ़ से ही स्वस्थ भारत का निर्माण होगा।
मातृ स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता...
इस मौके पर स्वास्थ्य सेवाओं की आयुक्त सह संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने कहा कि सरकार ने मातृ स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। अभियान का विशेष फोकस उन 30 विकासखंडों पर है जहाँ मातृ मृत्यु दर सबसे अधिक है। उन्होंने बताया कि उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की समय पर पहचान, सतत निगरानी और सुरक्षित संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।

सख्ती से लागू होगा SOP...
डॉ. शुक्ला ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा विकसित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने, समुदाय को जागरूक करने और उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास जारी हैं।
सकारात्मक बदलाव की ओर कदम...
इस अभियान के माध्यम से मातृ स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, गुणवत्तापूर्ण इलाज, बेहतर निगरानी और जनभागीदारी को बढ़ावा देकर छत्तीसगढ़ को मातृ स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए मानक स्थापित करने की दिशा में आगे बढ़ाया जा रहा है।