छत्तीसगढ़ जीएसटी विभाग ने गुटखा कारोबार में बड़ा घोटाला किया उजागर, सितार गुटखा निर्माता गुरूमुख जुमनानी गिरफ्तार

रायपुर। राज्य कर (जीएसटी) विभाग ने गुटखा उद्योग में वर्षों से चल रहे बड़े घोटाले का पर्दाफाश करते हुए सितार ब्रांड के गुटखा निर्माता गुरूमुख जुमनानी को गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि जुमनानी पिछले चार वर्षों से बिना जीएसटी पंजीकरण के गुटखा का निर्माण कर करोड़ों रुपये का कर अपवंचन कर रहा था।
जांच और छापों का विवरण...
जीएसटी विभाग ने 25 और 27 जून 2025 को दुर्ग और राजनांदगांव में छापेमारी की, जिसमें अवैध कारोबार का खुलासा हुआ। जांच में यह भी सामने आया कि जुमनानी ने राजनांदगांव, रायपुर और दुर्ग के कई गांवों में फैक्ट्रियां संचालित की और प्रशासनिक छापों से बचने के लिए फैक्ट्रियों का स्थान नियमित रूप से बदलता रहा।
गुटखा बनाम सुपारी: कर छल का खेल...
जुमनानी ने अपने बेटे सागर जुमनानी के नाम से कोमल फूड नामक सुपारी गोदाम संचालित किया, जहाँ सुपारी को गुटखा में बदलकर बेचा जाता था। कागजों में केवल सुपारी बिक्री दर्ज की जाती थी। जबकि सुपारी पर 5% जीएसटी लगता है, गुटखे पर 28% और सेस 204% तक है। इस हेराफेरी से सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व नुकसान हुआ।
मजदूरों का शोषण...
जांच में यह भी सामने आया कि फैक्ट्री में मध्यप्रदेश के युवकों को बंधुआ मजदूर की तरह काम कराया जाता था, उन्हें रातभर काम करना पड़ता और बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। हर तीन माह में मजदूर बदल दिए जाते थे।
गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई...
23 सितंबर 2025 को जुमनानी को जीएसटी अधिनियम की धारा 69 के तहत गिरफ्तार किया गया। विभाग के अनुसार आरोपी प्रतिदिन लगभग 25 लाख रुपये मूल्य का गुटखा तैयार करता था। पिछले चार वर्षों से इस अवैध कारोबार के आधार पर अपवंचित कर की गणना की जा रही है।
सरकार की सख्ती...
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि कर चोरी, अवैध कारोबार और उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। कानून तोड़ने वालों के खिलाफ गिरफ्तारी, जुर्माना और कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।