छत्तीसगढ़ सरकार का बड़ा फैसला: आवारा गौवंशों की सुरक्षा के लिए ‘गौधाम’ योजना शुरू…

रायपुर। प्रदेश में आवारा और निराश्रित गौवंशों की बढ़ती मौतों को रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब गौठानों की जगह ‘गौधाम’ स्थापित किए जाएंगे, जहां चरवाहों और गोसेवकों को मासिक वेतन, चारा-पानी की सुविधा के साथ-साथ बेहतर प्रबंधन के लिए रैंकिंग के आधार पर पुरस्कार भी दिए जाएंगे।
108 गायों की मौत के बाद बड़ा फैसला...
हाल ही में हाई कोर्ट ने सड़क दुर्घटनाओं में मरी हुई गायों की घटनाओं पर संज्ञान लिया था। पिछले सप्ताह में तीन बड़े हादसों में 90 से अधिक गायों की मौत हुई और बिलासपुर रोड पर 18 गायें मरीं। इस घटना के बाद मुख्य सचिव ने संबंधित अधिकारियों को फटकार लगाई और तत्काल प्रभाव से ‘गौधाम योजना’ को मंजूरी दी गई।
गौधाम में क्या सुविधाएं होंगी?
गौधाम में केवल निराश्रित, घुमंतू और जब्त गौवंशों को रखा जाएगा। शासकीय भूमि पर सुरक्षित बाड़ा, शेड, जलापूर्ति, बिजली और चारागाह की सुविधा उपलब्ध होगी। संचालन के लिए पंजीकृत गौशालाओं को प्राथमिकता दी जाएगी, अन्यथा NGOs, ट्रस्ट या सहकारी समितियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। चयन का आधार गौसेवा, नस्ल सुधार, जैविक खाद उत्पादन और पशुपालन प्रशिक्षण का अनुभव होगा।
गौधाम की स्थापना कैसे होगी?
छत्तीसगढ़ गौसेवा आयोग नियम 2005 के तहत जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर गौधाम बनाए जाएंगे। ये गौधाम गौठानों से अलग होंगे और पहले चरण में राष्ट्रीय राजमार्गों के निकट ग्रामीण इलाकों में स्थापित किए जाएंगे। यहां स्थानीय निकायों द्वारा एकत्रित निराश्रित गौवंश और गृह विभाग के तहत जब्त गौवंश रखे जाएंगे।
शासकीय भूमि पर संचालन और निगरानी...
गौधाम शासकीय भूमि पर बनेंगे जहां चारागाह के लिए हरी भूमि उपलब्ध होगी। संचालक संस्था को भूमि या इन्फ्रास्ट्रक्चर पर स्वामित्व नहीं मिलेगा। जिला और ब्लॉक स्तर पर गौधाम संचालन की निगरानी के लिए समितियां बनेंगी।
गौधाम के उद्देश्य...
- गौ-आधारित उत्पादों को बढ़ावा देना
- चारा विकास कार्यक्रम को प्रोत्साहित करना
- प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकास
- पशुओं की नस्ल सुधार
- गौसेवा के प्रति जागरूकता फैलाना
- स्थानीय रोजगार सृजन
- प्रत्येक गौधाम में 200 तक गौवंश रखने की क्षमता
अनुदान एवं पुरस्कार व्यवस्था...
उत्कृष्ट गौधामों को संचालन के दूसरे वर्ष से प्रति पशु प्रतिदिन 20 रुपए, तीसरे वर्ष 30 रुपए और चौथे वर्ष 35 रुपए तक अनुदान मिलेगा।
पहले चरण में राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे गौधाम...
पहले चरण में राष्ट्रीय राजमार्गों के आसपास ग्रामीण इलाकों में गौधाम बनाए जाएंगे, जिससे सड़क दुर्घटनाओं में गौवंश की मौत रोकी जा सके। इससे किसानों को फसल नुकसान से राहत मिलेगी और गौसेवा को मजबूती मिलेगी।
संस्थाओं की चयन प्रक्रिया...
गौधाम संचालन के लिए संस्था का चयन ‘रुचि की अभिव्यक्ति’ (EOI) प्रक्रिया के तहत होगा। जिला स्तरीय समिति आवेदनों का मूल्यांकन कर आयोग को भेजेगी। अनुमोदन के बाद संस्था के साथ अनुबंध किया जाएगा।