नशे के खिलाफ सख्ती: कई जिलों में कार्रवाई, बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित दवाएं जब्त…

नशीली दवाओं का दुरुपयोग समाज और युवाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन चुका है। इसे रोकने के लिए औषधि विभाग और पुलिस विभाग लगातार संयुक्त कार्रवाई कर रहे हैं। हाल ही में प्रदेश के कई जिलों में छापेमारी कर बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित दवाएं जब्त की गईं और आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
कबीरधाम व रायपुर में बड़ी कार्रवाई...
पंडरिया (जिला कबीरधाम) में प्रतिबंधित औषधियों की अवैध बिक्री की सूचना पर छापा मारकर 200 स्ट्रिप जब्त की गईं। वहीं रायपुर में कोडीन फॉस्फेट युक्त औषधियों की अवैध बिक्री में दो लोगों को पकड़ा गया, जिनके पास से 120 नग नशीली दवाएं बरामद हुईं। दोनों ही मामलों में एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है।
गरियाबंद में मेडिकल स्टोर पर छापा...
गरियाबंद जिले के कोपरा स्थित चंदन मेडिकल स्टोर में छापेमारी के दौरान नशीली दवाओं के क्रय-विक्रय रिकॉर्ड में गंभीर अनियमितताएं मिलीं। इसके बाद दुकान संचालक के खिलाफ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 और नियमावली 1945 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
महासमुंद में बैठक, नशा-मुक्ति पर जोर...
महासमुंद नगर पालिका कार्यालय में मेडिकल संचालकों की बैठक आयोजित हुई। बैठक में नशामुक्त महासमुंद अभियान पर चर्चा की गई और मेडिकल संचालकों ने समाज को नशे की बुराई से बचाने के लिए पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। यह भी माना गया कि नशे के आदी लोग अक्सर दवाओं का दुरुपयोग करते हैं, जिससे अपराधों में वृद्धि होती है।

जागरूकता अभियान भी जारी...
औषधि विभाग द्वारा लगातार जागरूकता गतिविधियां चलाई जा रही हैं। बेमेतरा के टाउन हॉल में महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ संयुक्त कार्यक्रम में आम लोगों को नशे के दुष्प्रभावों से अवगत कराया गया और नशा पान से दूर रहने की अपील की गई। इसी तरह कोंडागांव, जांजगीर-चांपा, बिलासपुर और राजनांदगांव में औषधि निरीक्षकों ने स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित कर छात्रों को नशे से दूर रहने की शपथ दिलाई।
एम्स रायपुर में दवाओं की गुणवत्ता की जांच...
राज्य औषधि नियंत्रण प्रशासन और सीडीएससीओ (केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन) की टीम ने एम्स रायपुर के सेंट्रल फार्मेसी स्टोर का संयुक्त निरीक्षण किया। इस दौरान हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड, पुणे की कुछ दवाओं के विधिक सैंपल लिए गए। इन नमूनों की जांच अब निर्धारित प्रक्रियाओं के तहत की जाएगी, ताकि दवाओं की गुणवत्ता, सुरक्षा और प्रभावकारिता सुनिश्चित की जा सके।