विधानसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर हुआ भावनात्मक प्रस्ताव, विपक्ष का बहिष्कार…

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ को लेकर राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय सेना के साहस व रणनीतिक दक्षता की सराहना करते हुए अभिनंदन प्रस्ताव पेश किया। संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप ने प्रस्ताव प्रस्तुत किया, जिसकी चर्चा की शुरुआत भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने की।
सीएम बोले: यह केवल मिशन नहीं, भारत की वैश्विक ताकत का प्रमाण...
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व क्षमता, समन्वय और निर्णायक निर्णयों का प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक मिशन नहीं था, बल्कि यह भारत की ताकत, संकल्प और वैश्विक नेतृत्व क्षमता का जीवंत उदाहरण बन गया।” मुख्यमंत्री ने यह भी जोड़ा कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाने को तैयार है, चाहे वह देश में हों या विदेश में।
विपक्ष ने जताई आपत्ति, किया बहिष्कार...
चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायकों ने भाजपा विधायक अजय चंद्राकर के बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई। विधायक दिलीप लहरिया ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की बदनामी हो रही है,” जिस पर सत्ता पक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सेना की प्रशंसा तो की, लेकिन सदन की कार्यप्रणाली पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा, “यहां बार-बार हमे उकसाया जा रहा है, हमसे उल्टे-सीधे बयान दिलवाने की कोशिश की जा रही है। ऐसे माहौल में हम चर्चा में हिस्सा नहीं लेंगे।”
'अभिव्यक्ति की आज़ादी पर नहीं लगाई जा सकती सीमा': अजय चंद्राकर
अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा राष्ट्रीय विषयों पर भी स्पष्ट और मुखर राय रखने में सक्षम है। उन्होंने कहा, “मैं सदन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का पालन करता हूं, विपक्ष की पसंद के अनुसार नहीं बोलूंगा।”
चर्चा में भाजपा के वरिष्ठ विधायक किरण देव, धर्मजीत सिंह, धरमलाल कौशिक और अमर अग्रवाल ने भी हिस्सा लिया।