CGPSC घोटाला : तत्कालीन अध्यक्ष और सचिव के आवासीय परिसर में पहुंची CBI की टीम, एग्जाम कंट्रोलर के घर भी तलाशी
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार के कार्यकाल में लोकसेवा आयोग की परीक्षा में कथित घोटाले पर एफआईआर दर्ज करने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने जांच तेज कर दी है। सीबीआई की ओर से 15 जुलाई को जारी रिलीज के मुताबिक सीबीआई ने पीएससी के तत्कालीन चेयरमैन आईएएस टामन सिंह सोनवानी, पीएससी सचिव और तत्कालीन परीक्षा कंट्रोलर आरती वासनिक के रायपुर और भिलाई स्थित निवासों पर धावा बोलकर तलाशी की है। इस मामले में सीबीआई तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी, तत्कालीन सचिव जेके ध्रुव और तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक आरती वासनिक के खिलाफ पहले ही एफआईआर दर्ज कर चुकी है।
पीएससी के इन पूर्व पदाधिकारियों और अफसरों के यहां हुई जांच के बारे में सीबीआई ने कोई और सूचना नहीं दी है। सीबीआई के दिल्ली आफिस से मीडिया को मिले प्रेस नोट के मुताबिक सीबीआई ने ईओडब्लू-एसीबी और बालोद के अर्जुंदा थाने में दर्ज एफआईआर को जांच के लिए ले लिया है। दोनों ही एफआईआर में पीएससी के तत्कालीन पदाधिकारियो पर डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे पदों के लिए अपने रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है। यह मामला पीएससी 2020-21 से जुड़ा हुआ है।
दोनों एफआईआर में कहा गया है कि पीएससी के तत्कालीन उक्त पदधारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने बेटे, बेटियां, रिश्तेदारों तथा अन्य संबंधितों को फायदा पहुंचाया है। सीबीआई के मुताबिक चेयरमैन सोनवानी के बेटे को डिप्टी कलेक्टर, उसके भाई के बेटे को डीएसपी, उनकी बहन की बेटी को लेबर अफसर, बेटे की पत्नी को डिप्टी कलेक्टर और भाई की बहू का जिला आबकारी अधिकारी के रूप में चयन करवाने का आरोप है। यही नहीं, पीएससी सचिव ध्रुव के बेटे का भी डिप्टी कलेक्टर पद के लिए चयन हुआ है। सीबीआई में दर्ज एफआईआर में यह आरोप भी है कि इनके अलावा छत्तीसगढ़ के कुछ और बड़े अफसरों, नेताओं और प्रभावशाली लोगों के बच्चों का पीएससी में चयन हुआ है, जिस पर गंभीर आपत्तियां आई हैं। इसी मामले की जांच शुरू करते हुए सीबीआई संबंधित पदधारियों के रायपुर और भिलाई स्थित निवास पर सर्चिंग कर रही है।