दीपावली पर खिला बिहान बाजार: ग्रामीण महिलाओं के हुनर और आत्मनिर्भरता का उजाला

बलरामपुर। दीपावली के शुभ अवसर और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) के रजत जयंती वर्ष में आयोजित चार दिवसीय “बिहान बाजार” ने इस बार जिले में महिलाओं की मेहनत और आत्मनिर्भरता की नई मिसाल पेश की। ग्रामीण अंचलों से आई महिला स्व-सहायता समूहों ने यहां अपने पारंपरिक और स्थानीय उत्पादों के साथ ऐसा हुनर दिखाया कि पूरा बाजार ‘लोकल फॉर वोकल’ की भावना से जगमगा उठा।
दीपावली से जुड़ी पारंपरिक वस्तुओं ने खींचा ध्यान...
बिहान बाजार में दीपावली पर्व से संबंधित वस्तुओं की भरमार रही। मिट्टी के दीपक, बाती, लाई, बताशा, बाँस से बने उपयोगी सामान, शुद्ध सरसों का तेल, श्रृंगार सामग्री और घर-गृहस्थी की चीजें — सब कुछ एक ही स्थान पर उपलब्ध रहा। लोगों के लिए सबसे खास रहा फूड ज़ोन, जहां पारंपरिक स्वाद और त्योहार की खुशबू ने हर आगंतुक को आकर्षित किया।
महिलाओं के उत्पादों को मिली नई पहचान...
इस वर्ष के बिहान बाजार में ग्रामीण महिला स्व-सहायता समूहों ने अपने स्थानीय उत्पादों का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। प्रशासनिक अधिकारियों और आम नागरिकों ने इन उत्पादों को न सिर्फ खरीदा, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास और गुणवत्ता की भी जमकर सराहना की। कार्यक्रम ने यह साबित किया कि बिहान अब केवल एक योजना नहीं, बल्कि ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण का आंदोलन बन चुका है।
9 समूहों ने की 4.53 लाख रुपये की बिक्री...
चार दिनों तक चले इस आयोजन में 9 महिला स्व-सहायता समूहों ने अपने स्टॉल लगाए। इन समूहों ने कुल 4 लाख 53 हजार रुपये के उत्पादों की बिक्री कर उल्लेखनीय सफलता हासिल की। यह न केवल आर्थिक उपलब्धि है, बल्कि यह दर्शाता है कि गांव की महिलाएं अब “रोजगार की निर्माता” बन रही हैं।

ग्रामीण उद्यमियों की सफलता की कहानी...
‘जय माँ आंबे’ समूह की अध्यक्ष श्रीमती सलीता गुप्ता ने बताया —
“जिला प्रशासन के सहयोग से आयोजित बिहान बाजार से हमें अपने उत्पाद बेचने और लोगों तक पहुंचाने का शानदार अवसर मिला। अब हमारा आत्मविश्वास और बढ़ गया है।”
वहीं एसवीईपी परियोजना के अंतर्गत कार्यरत उन्नति मंडल के उद्यमियों ने कहा कि इस आयोजन से उनकी आमदनी छह महीने की आय के बराबर रही, जो उनके लिए प्रेरणास्रोत है।
लोकल फॉर वोकल अभियान को मिला नया आयाम...
बिहान बाजार ने प्रधानमंत्री के ‘लोकल फॉर वोकल’ अभियान को जमीनी स्तर पर सशक्त बनाया है। यह मंच न केवल ग्रामीण उत्पादों को बाजार तक पहुंचा रहा है, बल्कि गांवों की अर्थव्यवस्था में नई गति और महिलाओं को आत्मनिर्भरता दे रहा है। यह आयोजन साबित करता है कि जब स्थानीय प्रतिभा को अवसर मिलता है, तो वह न केवल चमकती है, बल्कि समाज को भी रोशन करती है।
प्रशासन की पहल से बनेगी परंपरा...
जिला प्रशासन ने इस आयोजन को हर वर्ष आयोजित करने की घोषणा की है। अधिकारियों ने बताया कि आने वाले वर्षों में इसे और बड़े स्तर पर विस्तार दिया जाएगा ताकि अधिक से अधिक महिला समूहों को भागीदारी का अवसर मिले। बिहान बाजार अब बलरामपुर में ग्रामीण महिलाओं की पहचान, परंपरा और प्रगति का प्रतीक बन गया है।